जायका प्रोजेक्ट में 50 नर्सरी को हरी झंडी

By: Aug 7th, 2018 12:02 am

मिड हिमालयन परियोजना से सड़कों पर आए कर्मियों को शामिल करने का बड़ा फैसला

शिमला— जायका पोषित 800 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल में 50 नई प्लांटेशन नर्सरी स्थापित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अलावा मिड हिमालयन प्रोजेक्ट के बंद होने से सड़क पर आए कर्मचारियों को जायका प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। जायका गवर्निंग बॉडी की बैठक में उक्त दोनों प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है। इसके अलावा गवर्निंग बॉडी ने कई बड़े फैसलों को अपनी स्वीकृति प्रदान की है।  इसके तहत जायका प्रोजेक्ट पर इस वर्ष 15 करोड़ की राशि खर्च होगी। राज्य के छह जिलों में छह करोड़ की लागत से 50 नई नर्सरियां लगाई जाएगी। इसी कड़ी में जायका के क्षेत्र वाले जिलों में जड़ी-बूटी सैल स्थापित होंगे। स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए जड़ी बूटी का कारोबार बढ़ाया जाएगा। इसके लिए कंसल्टेंट्स नियुक्त करने के प्रस्ताव को भी गवर्निंग बॉडी ने अपनी सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है। गवर्निंग बॉडी ने अपने पारित फैसले में कहा है कि जायका प्रोजेक्ट के तहत 21 स्थानों पर रिमोट सेंसिंग सिस्टम स्थापित होगा। वन मंडलाधिकारी के कार्यालयों में यह सिस्टम स्थापित कर जायका प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग होगी। कुल्लू तथा रामपुर में इस सिस्टम को प्रभावी ढंग से गति देने का निर्णय लिया गया है। गवर्निंग बॉडी ने मिड हिमालयन प्रोजेक्ट के कर्मचारियों को बड़ी राहत प्रदान की है। इस प्रोजेक्ट के समाप्त होने के बाद रोजगार की तलाश में परेशान कर्मचारियों को गवर्निंग बॉडी ने जायका प्रोजेक्ट के अधीन लाने के फैसले को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। जायका प्रोजेक्ट में 150 पदों को भरा जाएगा। गवर्निंग बॉडी ने निर्णय लिया है कि इनमें प्राथमिकता मिड हिमालयन प्रोजेक्ट से बाहर हुए कर्मचारियों को दी जाएगी। हिमाचल प्रदेश में वनों के ईको-सिस्टम प्रबंधन एवं आजीविका सुधार  प्रोजेक्ट के गवर्निंग बोर्ड की बैठक सोमवार को आयोजित की गई। बैठक में आलोक नागर, सीपीडी पोजेक्ट ने गवर्निंग बोर्ड के समक्ष आगामी प्रोजेक्ट योजना की जानकारी साझा की। इस अवसर पर प्रधान मुख्य अरण्यपाल (हॉफ) अजय कुमार, प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य प्राणी) डा. आरसी कंग, प्रधान मुख्य अरण्यपाल (प्रशासन) एसके शर्मा, प्रधान मुख्य अरण्यपाल (प्रबंधन) एसी शर्मा, एमडी वन विकास निगम बीडी सुयाल के अतिरिक्त बैंक अधिकारी व वन अधिकारी भी उपस्थित रहे।

जैव विविधता संरक्षण पर रहेगा ज्यादा जोर

बैठक अतिरिक्त मुख्य सचिव वन तरुण कपूर की अध्यक्षता में टोलैंड स्थित सभागार में हुई। प्रोजेक्ट के माध्यम से राज्य में जैव विविधता संरक्षण और वनों को सघन बनाने पर कार्य किया जाएगा। यह पोजेक्ट प्रदेश के छह जिलों मंडी, कुल्लू, शिमला, बिलासपुर, किन्नौर तथा लाहुल-स्पीति में कार्यान्वित किया जाएगा।


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