डीसी आफिस के बाहर गरजे छात्र

By: Aug 4th, 2018 12:05 am

 शिमला —शिमला शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अध्ययरत छात्र शुक्रवार को जिलाधीश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। छात्रों ने सरकार पर किन्नौर जिला की अनदेखी करने के आरोप लगाए। किनौर छात्र कल्याण संघ के बैनर तले जुटे छात्रों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह किन्नौर के साथ भेदभाव कर रही है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि जनजातीय उपयोजना के कार्यान्वयन के लिए गठित परियोजना सलाहकार समीति के गठन को लेकर किन्नौर के साथ भेदभाव किया गया है। आम तौर पर इन समितियों के अध्यक्ष स्थानीय विधायक होते हैं और सरकार ने पांगी और लाहुल-स्पिति के लिए गठित समिति में भी स्थानीय विधायक को अध्यक्ष बनाया गया है। लेकिन किन्नौर के मामले में ऐसा नहीं किया गया है। यहां पर जिलाधीश को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। इस मौके पर किनौर छात्र कल्याण संघ अश्वनी नेगी ने कहा कि सरकार पर आरोप लगाया किन्नौर में कांग्रेस के विधायक होने पर उनको परियोजना सलाहकार समीति का अध्यक्ष नहीं बनाया गया है। वहीं पांगी और लाहुल स्पिति में भाजपा के विधायक हैं, इसलिए उनको वहां की समितियों का अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के लिए दोहरे मापदंड नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि किन्नौर में लाडा (लोकल एरिया डिवेलपमेंट अथारिटी) का अध्यक्ष भी स्थानीय विधायकों को बनाया जाता रहा है फिर चाहे विधायक किसी भी पार्टी का क्यों न रहा हो, लेकिन वर्तमान विधायक को लाडा और साडा के अध्यक्ष से बाहर किया गया है। उन्होंने सरकार पर मनमाने फैसले लेने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किन्नौर की अनदेखी कर रही है। जिला में स्वास्थ्य संस्थान में चिकित्सकों और अन्य स्टाफ की भारी कमी है। शिक्षण संस्थानों में भी कई पद खाली है। उन्होंने कहा कि सरकार पालीटेक्निक संस्थान किन्नौर पर भी सरकार राजनीति कर रही है। कल्पा स्टेडियम में छह करोड़ की लागत से बनने वाले यूथ हास्टोर के काम को भी रोक दिया गया है। अश्वनी नेगी ने कहा कि नौतोड़, एफआरए जैसे मसलों पर भी किन्नौर वासियों के हित्तों के साथ कुठाराघात किया जा रहा है।


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