देख लो हाल! सामान समेट चलते बने… हमारे लिए गंदगी 

By: Aug 22nd, 2018 12:05 am

चिंतपूर्णी —हर बार की तरह इस वर्ष भी लंगर लगाने वाली संस्थाएं श्रावण माह नवरात्र मेलों में धार्मिक नगरी चिंतपूर्णी को गंदगी के जख्म देकर चलती बनीं। नौ दिनो तक चलने वाले इन श्रावण मेलों में पंजाब, दिल्ली, लुधियाना, चंडीगढ़ की संस्थाओं ने स्वादिष्ट व्यंजन परोसकर भक्तों की सेवा तो की, लेकिन बदबू व गंदगी से पूरी धार्मिक नगरी को प्रदूषित कर दिया। वहीं, बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। स्वच्छता की दुहाही देने वाले जिला प्रशासन की नाक तले संस्थाएं जमकर गंदगी फैलाती रही और प्रशासन मूक दर्शक बनकर बैठा रहा। लंगर संस्थाओं ने नौ दिनों के दौरान खूब गंद डाला और बिना लंगर स्थल की सफाई किए अपना सामान समेट कर चलती बनीं। मुबारिकपुर से चिंतपूर्णी तक दुर्गंध ही दुर्गंध फैली हुई है। सड़क की दोनों तरफ प्लास्टिक की बोतलें, थालियां व अन्य कूड़ा-कचरा बिखरा पड़ा है। जगह-जगह लगे कूडे़ के ढेर श्रद्धालुओं व यात्रियों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। 12 अगस्त से 19 अगस्त तक चले मां चिंतपूर्णी के श्रावण मेलों के दौरान विभिन्न राज्यों की संस्थाओं ने जगह-जगह लंगर लगाए हुए थे।  वहीं, मंदिर ट्रस्ट द्वारा 60 लंगर संस्थाओं को लंगर लगाने की अनुमति प्रदान की गई थी। मंदिर ट्रस्ट न केवल उन संस्थाओं को लंगर लगाने की अनुमति प्रदान की जिनके पास श्रद्धालुओं को बैठने का पर्याप्त स्थान हो तथा लंगर बनाने के लिए किचन की पर्याप्त व्यवस्था थी।  पिछले वर्ष की अपेक्षा इस दफा भी कई लंगर संस्थाएं क्षेत्र में लंगरों का किचन बेस्ट फेंक कर गंदगी फैलाकर चली गई है। इसके चलते क्षेत्र मे बदबू फैली हुई है। आसपास रहने वाले लोगों का भी जीना मुश्किल हो गया है। ग्राम पंचायत गंगोट, मोइन के लोगों राजकुमार, पवन, रवि शर्मा, इंद्रजीत, सुरेश, पंकज ने बताया कि हर बार लंगर संस्थाएं क्षेत्र में गंदगी फैलाकर चली जाती है। इन्होंने मंदिर ट्रस्ट से गंदगी फैलाने वाली संस्थाओं के खिलाफ  उचित कार्रवाई करने और इन्हें ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है।

बीमारी का खतरा

लंगर संस्थाओं द्वारा फैलाई गंदगी से सारा पर्यावरण दूषित हो गया है। जिससे क्षेत्र में कोई गंभीर महामारी फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। जिला प्रशासन को इस बारे में उचित कदम उठाकर किसी बड़ी बीमारी फैलने से पहले सफाई करवानी चाहिए।


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