दो हफ्ते में बताएं मंदिरों की आय

By: Aug 16th, 2018 12:01 am

हाई कोर्ट ने सरकार को आय का ब्यौरा देने के दिए आदेश, अगली सुनवाई 28 को

शिमला— हिमाचल प्रदेश के मंदिरों की आय का ब्यौरा दिया जाने के मामले में प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह के अतिरक्त समय दिया है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया था कि सिर्फ 12 मंदिरों की पिछले दस साल में चढ़ावे से 361 करोड़ रुपए की आमदन है।  कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने प्रदेश के सभी जिलाधीशों को आदेश दिए थे कि वे अपना-अपना निजी शपथपत्र दायर करें। अदालत को बताएं कि उनके क्षेत्राधिकार में जितने भी भी मंदिर स्थापित है उनकी जानकारी सारणीबद्ध तरीके से अदालत को बताये और पिछले दस वर्षों में इन मंदिरों की आय ब्यौरा भी दे।  यह भी बताएं कि मंदिरों की आमदन को कहां खर्च किया जाता है, क्या उक्त आमदन को हिमाचल प्रदेश पब्लिक रिलिजियस चेरीटेबल एक्ट में दिये प्रावधानों के अनुसार खर्च किया जाता है या नहीं।   आगामी सुनवाई 28 अगस्त को निर्धारित की गई है।

पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर 17 सितंबर को अदालत में तलब

शिमला — हाई कोर्ट ने प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाई जा रही सड़कों का ब्यौरा मांगा है।  कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता को आगामी 17 सितंबर को अदालत के समक्ष तलब किया है।  एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने उक्त आदेश पारित किए।  अदालत को बताया गया कि प्रदेश भर में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 3216 सड़कें बनाई जानी है, जिनमें से 2274 सडकों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है और 942 सड़कें निर्माणाधीन है।  669 सड़कों के निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित कर दी गई है। खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिए हैं कि वह  ताजा शपथपत्र दायर करे। आगामी सुनवाई 17 सितंबर को निर्धारित की गई है।


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