पंचायत चुनावों पर ममता सरकार को सुप्रीम राहत
नई दिल्ली — पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने सीपीएम और भाजपा की याचिकाओं को शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिनमें राज्य में पंचायत की उन 20000 से अधिक सीटों पर चुनाव रद्द करने की मांग की गई थी, जिन पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ था। उन सभी सीटों पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए थे और विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि उनके उम्मीदवारों को नामांकन पत्र भरने से रोका गया था। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों पर संज्ञान लिया और कहा कि असंतुष्ट उम्मीदवार संबंधित अदालतों में पंचायत चुनावों को चुनौती देने के लिए चुनाव याचिकाएं दायर कर सकते हैं। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्ति का इस्तेमाल किया और चुनाव याचिकाएं दायर करने के लिए पंचायत चुनाव नतीजों की अधिसूचना की तारीख से शुरू होकर 30 दिन का समय दिया। बता दें कि ग्राम पंचायत, जिला परिषद और पंचायत समिति के कुल 58692 पदों में से 20159 पदों पर मतदान नहीं हुआ था और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार बिना किसी मुकाबले के चुनाव जीत गए थे।
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