पहले टैक्स, तभी पार्क होंगी गाडि़यां

By: Aug 31st, 2018 12:05 am

कसौली —ऐतिहासिक पर्यटन स्थल कसौली में पर्यटकों को अपने वाहनों को पार्क करने व प्रवेश करने के लिए छावनी बोर्ड को टोल टैक्स के रूप में काफी टैक्स अदा करना पड़ता है तभी पर्यटक कसौली में प्रवेश कर अपने वाहनों को खड़ा कर सकते हंै। यह परंपरा अंग्रेजों के शासनकाल से लागू चली आ रही है। अंग्रेजों के शासन काल से छावनी बोर्ड में बने काले कायदे कानून आज भी कसौली में लागू हंै। कसौली में प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक सैर करने आते हैं। यह न केवल देश से नहीं बल्कि विदेशों से भी यहां पर हर रोज आते हैं। कसौली छावनी बोर्ड के पास अभी इतनी पर्याप्त मात्रा में पार्किंग की जगह नहीं है, जहां पर रोजाना आने वाले वाहनों को खड़ा कर सके। उल्लेखनीय है कि छावनी बोर्ड कसौली बिना जानकारी दिए  पार्किंग स्थल पर वाहनों को खड़ा करने की पर्याप्त जगह नहीं के प्रवेश शुल्क के साथ पार्किंग फीस पर्यटकों से वसूल कर लेता है, जिससे कसौली में आने वाले पर्यटकों को भारी परेशानी के साथ-साथ धनराशि को चपत लगवानी पड़ती है। उधर, छावनी बोर्ड कसौली को इस पार्किंग की समस्या से निपटने के कसौली छावनी बोर्ड को देश के रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने 16 सितंबर 2017 को 15 करोड़ की लागत से मल्टीप्लेक्स एक प्रोजेक्ट की धनराशि की घोषणा की, परंतु नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से इस कार्य को लेकर कोई अनुमति नहीं मिल पाई, जिसके कारण कसौली का पार्किंग का प्रोजेक्ट पर पानी फिरता नजर आने लगा है। सरकारी जानकारी के अनुसार जब तक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से संबंध में कोई निर्णय नहीं आता तब तक यह कार्य करना संभव नहीं है। बरहाल कसौली छावनी बोर्ड प्रतिदिन पर्यटकों से बिना पार्किंग के नाम पर कसौली में प्रवेश पर ही वसूल कर लेता है। पार्किंग राशि। इस संबंध में छावनी बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव भारती से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह इस बारे में छावनी प्रशासनिक अधिकारी से जल्द बात करेंगे। यदि ऐसा हो रहा है तो यह गलत है।

 


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