पहले दिन 28.664 मीट्रिक टन मछली
इस बार कोलडैम; चमेरा, रणजीत सागर डैम में बढ़ा उत्पादन
बिलासपुर, थानाकलां— प्रदेश में अढ़ाई महीने मछली प्रतिबंध के बाद हिमाचल प्रदेश के जलाशयों में मत्स्य आखेट के पहले दिन गुरुवार को सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। पूरे हिमाचल में पहले दिन कुल मत्स्य उत्पादन 28.664 मीट्रिक टन दर्ज किया गया है। कोलडैम, चमेरा डैम और रणजीत सागर डैम में पिछले सालों की तुलना में इस मर्तबा उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है। मत्स्य निदेशालय से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को गोविंदसागर, पौंग डैम, चमेरा, कोल डैम व रणजीत सागर डैम में कुल मत्स्य उत्पादन 28.664 मीट्रिक टन दर्ज किया गया है, जिसमें गोविंदसागर में 14.774 मीट्रिक टन, पौंगडैम में 12.909 मीट्रिक टन, कोलडैम में 0.187 मीट्रिक टन, चमेराडैम में 0.101 मीट्रिक टन और रणजीत सागर डैम में 0.693 मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन शामिल है। सतपाल मेहता निदेशक मत्स्य निदेशालय बिलासपुर ने बताया कि प्रदेश के जलाशयों में मत्स्य आखेट प्रतिबंध हटने के बाद पहले दिन 28.664 मीट्रिक टन मछली पकड़ी गई है। पिछले साल की तुलना में इस बार मत्स्य आखेट के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। बिलासपुर के मत्स्य अधिकारी श्यामलाल के अनुसार गोविंदसागर में इस बार मत्स्य आखेट के पहले दिन 14.774 मीट्रिक टन मछली उत्पादन हुआ है। लैंडिंग सेंटर लठियाणी में 2167.0 किलोग्राम, मांदली में 2561.5 किलोग्राम, भाखड़ा में 4350 किलोग्राम, नकराणा/जड्डू में 3560 किलोग्राम, जकातखाना में 1876.5 किलोग्राम और बिलासपुर सेंटर में 169.5 किलोग्राम मछली पकड़ी गई है। इस मर्तबा बिलासपुर लैंडिंग सेंटर में कम पैदावार दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 2312 किलोग्राम था। यदि कोलडैम की बात की जाए तो इस बार प्रतिबंध हटने के पहले दिन गुरुवार को 0.101 मीट्रिक टन मछली उत्पादन दर्ज किया गया है।
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