फेरीवालों से परेशान दुकानदार

By: Aug 1st, 2018 12:05 am

बड़सर  —फेरीवालों ने व्यपारियों के धंधे को चौपट कर रखा है। इससे व्यपारियों के धंधे पर मंदी की मार तो पड़ ही रही है वहीं  सरकार के राजस्व में  भी लाखों रुपये का भी घाटा पड़ रहा है। आलम यह है कि बाहरी राज्यों के लोग बिना टैक्स अदा कर प्रदेश में समान ला रहे हैं और प्रदेश के हरेक गांव व शहर की गलियों में बिना टैक्स अदा कर समान को बिना गारंटी व वारंटी से महंगे दामों में बेचकर बिना किसी भय से चांदी कूट रहे हैं। फेरीदार व्यापारियों द्वारा बेचे जा रहे समान पर ज्यादातर न ही कोई मूल्य और न ही किसी कंपनी का नाम छपा होता है। ऐसा नहीं कि इन व्यापारियों की आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को इस बारे कोई जानकारी नहीं है। विभाग यह सब जानने के बाद भी मौन रूप धारण किये हुए है, जिससे भारी भरकम खर्च कर किराए की दुकानों में व्यापार कर रहे लोगों को भारी मात्रा में नुकसान पहुंच रहा है। हैरान करने वाली बात यह है कि जीएसटी बिल लागू होने के बाद यह संभावना जताई जा रही थी कि बिल के लागू होने के बाद ऐसे व्यापारियों पर अंकुश लग जाएगा, लेकिन फेरीदार व्यापारियों पर तो जीएसटी का कोई भी असर देखने को नहीं मिला, उलटे स्थानीय दुकानों में व्यापार कर रहे लोगों पर इसका असर जरुर देखने को मिला।कायदे अनुसार सरकार द्वारा तय की गई नियमावली के अनुसार कोई भी व्यक्ति बिना एमआरपी, बिना बिल व बिना वैट के अंकित न होने पर कोई भी वस्तु नहीं बेच सकता है। यही कारण है कि सरकार द्वारा तय की गई नियमावली के अनुसार सभी दुकानों में रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य किया गया है, परंतु फेरीदार दुकानदार बिना बिल के मन माफिक दामों में सरकार के राजस्व को चूना लगाकर समान बेच रहे हैं। इससे प्रतीत होता है कि सरकार द्वारा तय नियमावली केवल मात्र स्थाई दुकानों में व्यापार कर रहे दुकानदारों पर ही लागू होती है। फेरीदार लोग घर-घर जाकर चाहे जितना मर्जी समान बिना टैक्स अदा कर बेचते रहे लेकिन बाहरी फेरीदार सीमाओं पर से बिना टैक्स अदाकार समान प्रदेश में कैसे पहुंचा रहे हैं।  फिर भी इन व्यापारियों पर इस कार्रवाई का कोई भी असर देखने को नहीं मिल रहा है।  यही कारण है कि इलाके में हर दिन सैकड़ों की तादात में फेरीदार लोग बेखौफ व्यापार करते देखे जा सकते हैं।

 


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