बाल आश्रमों में एडीसी का छापा
धर्मशाला —प्रदेश के सबसे बडे़ जिला कांगड़ा के बाल-बालिका आश्रमों में खामियां जांचने को लेकर कमेटी ने कार्य शुरू कर दिया है। इसके साथ ही खामियां पाए जाने पर आश्रमों को सुधार के भी कड़े निर्देश जारी कर दिए हैं। बिहार और मुजफरनगर में हुई यौन उत्पीड़न की घटनाओं से अलर्ट होकर प्रदेश में जांच समितियां बनाई गई है। हालांकी अब औचक निरीक्षण से पहले ही आश्रमों को दिखावे के लिए चमकाने का भी कार्य किया जा रहा है। कमेटी ने पूर्व के रिकार्ड को पूरी तरह से नहीं कंगाला है। हिमाचल प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश में चल रहे सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा संचालित बाल-बालिका आश्रमों का संबंधित जिला के एडीसी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा निरीक्षण किए जा रहे हैं। अतिरिक्त उपायुक्त कांगड़ा कमलकांत सरोच ने बताया कि इन आश्रमों के निरीक्षण का उद्देश्य बाल बालिका आश्रमों में रहने वाले बच्चों के साथ किसी भी प्रकार की प्रताड़ना अथवा यौन शोषण जैसी घटनाओं पर नजर रखना है। उन्होंने बताया कि बुधवार को जिला कांगड़ा के आश्रमों के निरीक्षण के लिए गठित जांच समिति ने तीन बाल आश्रमों का निरीक्षण किया। इनमें कछियारी स्थित जोरिम बाल आश्रम, स्वयंसेवी संस्था उत्थान द्वारा जटेहड़ सकोह में संचालित खुला आश्रय तथा बाल विकास परिषद द्वारा दाड़ी में संचालित अस्थिदोष बाल गृह का निरीक्षण किया गया। आश्रमों में पाई जाने वाले कमियों को सुधार के सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही दाड़ी विकलांग सदन में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है। अतिरिक्त उपायुक्त कांगड़ा कमलकांत सरोच ने स्वयं भी इन आश्रमों में जाकर आश्रमों के स्टाफ तथा यहां रहने वाले बच्चों के साथ बातचीत की। एडीसी ने बताया कि इन आश्रमों में रहने वाले बच्चों से भी पूछताछ की गई है। श्री सरोच ने बताया कि अन्य चार बाल बालिका आश्रमों का निरीक्षण भी जल्द ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गठित इस समिति में जिला कार्यक्रम अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारी, एक महिला व एक पुरुष सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं, जो समय-समय पर बाल-बालिका आश्रमों के निरीक्षण करते रहेंगे।
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