रूसा…दो साल में नहीं हुआ डेढ़ करोड़ पर काम

By: Aug 6th, 2018 12:05 am

शिमला -हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को दो वर्ष पहले राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत एचपीयू कैंपस को वाई फाई करने के लिए करोड़ों की ग्रांट दी गई थी। डेढ़ करोड़  की राशि एचपीयू कैंपस को पूरी तरह से वाई फाई करने के लिए विवि प्रशासन को मिली तो लेकिन अभी तक विवि इस राशि को खर्च करने में ही विफल रहा है। हालात यह हैं कि 2016 में मिली इस राशि को जिस कार्य के लिए तय किया गया था उसमें वह राशि इस्तेमाल ही नहीं हो पाई है। दूसरे विश्चविद्यालय जहां छात्रों को कैंपस मंे मुफ्त हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा दे रहे हैं वहीं, एचपीयू के पास राशि होने के बाद भी यह सुविधा छात्रों को नहीं दी जा रही है। कैंपस को वाई फाई करने के लिए विवि को कौन से प्रोवाइडर की सेवाएं लेनी हैं अभी तक इसे लेकर ही स्थिति ेस्पष्ट नहीं हो पाई है। साल बीत गए हैं, लेकिन विवि अभी तक यही तय नहीं कर पाया है कि किस प्रोवाइडर की सेवाएं विवि लेगा। एक ओर तो विवि अपनी वित्तीय तंगहाली का रोना रोता है वहीं, दूसरी ओर जो करोड़ांे की ग्रांट एचपीयू को मिली है उसे सालों बीतने के बाद भी विवि खर्च नहीं कर पा रहा है। इस ग्रांट के मिलने के बाद दो और ग्रांट रूसा के तहत एचपीयू को मिल चुकी हैं, लेकिन अभी तक पहले की ही ग्रांट विवि खर्च नहीं कर पाया है। विवि की लेटलतीफी की सबसे बड़ी हानि यहां पर शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को चुकानी पड़ रही है। कैंपस को वाई-फाई करने के लिए दूसरे चरण में एचपीयू के  होस्टलों सहित कैंपस को वाई फाई की सुविधा से जोड़ने की प्रक्रिया विवि प्रशासन ने पूरी करनी है। अभी तक कैंपस में मात्र पुस्तकालय सहित होस्टलों को नेट सुविधा से जोड़ा गया है। पुस्तकालय में तो वाई-फाई की सुविधा दी जा रही है, लेकिन होस्टलों में लैन वायर कनेक्शन से ही छात्रों को मुफ्त इंटरनेट कनेक्शन दिया गया है। इस सुविधा का लाभ मात्र कुछ एक छात्र ही उठा पा रहे हंै। विवि प्रशासन का दावा यह था कि विवि के कैंपस के साथ ही छात्रों को प्रत्येक विभाग और यहां तक की सभी 14 छात्रावासों में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा दी जाएगी। होस्टलों में छात्र इस सुविधा के मिलने का इंतजार लंबे समय से कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी विवि प्रशासन की और से इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। नैक की टीम के दौरे से पहले ही वाई-फाई की सुविधा की पहले चरण की प्रक्रिया तो जल्दी से विवि ने पूरी कर ली लेकिन निरीक्षण होने और ए गे्रड मिलने के बाद विवि का दूसरे चरण का विवि भूल गया है। विवि की इस लापरवाही का ही असर है कि कैंपस के वाई-फाई न होने से नेशलन इंस्टीट्यूशलन रैकिंग फ्रेमवर्क में एचपीयू का रैंक गिरता ही जा रहा है। विवि की इस लापरवाही पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी कड़ा रूख अपनाया है और विवि को इस डेढ़ करोड की राशि का खर्च कैंपस को जल्द से जल्द वाई-फाई करने के लिए निर्देश दिए हंै।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App