रोहडू अस्पताल में डेपुटेशन का सहारा

By: Aug 6th, 2018 12:05 am

रोहडू –सिविल अस्पताल रोहडू में पिछले एक साल से डाक्टर नहीं है, जिससे प्रतिदिन आ रहे मरीजों को अपने उपचार के लिए निजी क्लीनिकों के चक्कर काटने पड़ रहे हंै। सिविल अस्पताल रोहडू में प्रतिदिन 400 से अधिक मरीजों की ओपीडी होती है, जिसमें जुब्बल, रोहडू और उतराखंड के मरीज शामिल होते हंै। अस्पताल में स्टाफ की कमी का असर सबसे अधिक गरीब मरीजों पर पड़ रहा है। जो निजी क्लीनिकों के भारी भरकम बिल चुका कर इलाज करने को मजबूर है। सिविल अस्पताल रोहडू की इस बदहाली के लिए अब प्रशासन भी कहीं न कहीं बेबस ही नजर आ रहा है।  सिविल अस्पताल रोहडू एमएस डा. केशव राम शर्मा ने बताया कि डाक्टरों की कमी को प्रतिनियुक्ति से पूरा किया जा रहा है। आस- पास के ब्लॉक से आठ डाक्टरों की तैनाती की गई है। वहीं नेत्र, गयनी और सर्जन के तीन डाक्टरों को भी 10 दिन की प्रतिनियुक्ति पर लाया गया है। प्रयास किया जा रहा है कि उनके नियमित आदेश हो जाए । अस्पताल में 30 डाक्टरों के पद स्वीकृत है, जबकि मौजूदा समय पर 9 डाक्टर ही कार्यरत है। विशेषज्ञों के नाम पर सिविल अस्पताल में नेत्र, सर्जन, मेडिसिन, एनेस्थीसिया, रडियोलोजजिस्ट, के पद रिक्त चल रहे है। वहीं पैरामेडीकल में 30 पद स्वीकृत है, जिसमें 18 ही स्टाफ नर्से सेवाएं दे रही है। हाल ही में 8 स्टाफ नर्सो का तबादला नियमित होने पर अन्य अस्पतालों में किया गया है। लैब टेक्नीशियन का पद भी रिक्त चल रहा है। लैब का कार्य एसआरएल से किया जा रहा है। वहीं रेडियोलोजिस्ट का भी एक पद रिक्त चल रहा है। जो एक सेवाएं दे रहा है सिविल अस्पताल रोहडू में इन दिनों यह हाल है कि कुछ माह से यहां पर एक्स-रे के लिए भी एक ही रेडियोलॉजिस्ट है। निजि क्लीनिकों में काफी महंगे दामों पर अल्ट्रासांउड किए जा रहे है। लैब टेक्नीशियन के पद भी रिक्त चल रहे है। इसलिए लैबोरेटरी में खून जांच संबंधी समस्याओं के लिए निजि संस्थानों पर जाना पड़ रहा है। अस्पताल में गायनी से संबंधित मरीजों की सबसे अधिक संख्या रहती है, जिसमें सबसे अधिक गर्भवती महिलाएं शामिल है। गायनी का अस्पताल में एक ही डाक्टर है। जो आए दिन छुट्टी पर रहता है। मजबूरन गाइनों डाक्टर के बार-बार छुट्टी पर रहने के कारण गर्भवती महिलाओं को निजि क्लीनिकों में जाना पड़ रहा है और नीजि क्लीनिकों में यह हाल है कि यहां पर नार्मल डिलीवरी के 10000 रुपए लिए जाते है, जबकि सीजेरियन में 21000 रुपए लिए जाते हैं, जबकि अस्पताल में सुविधा होती तो लोगों को इस तरह से मजबूरन नीजि क्लीनिकों में पैसे नहीं लुटाने पड़ते। रोहडू के नीजि क्लीनिकों में प्रतिदिन 20 से अधिक नार्मल डिलीवरी और पांच से अधिक सिजरियन किए जाते हैं। सिविल अस्पताल रोहडू एमएस डा. केशव राम शर्मा ने बताया कि डाक्टरों की कमी को प्रतिनियुक्ति से पूरा किया जा रहा है। आस -पास के ब्लॉक से आठ डाक्टरों की तैनाती की गई है। वहीं नेत्र, गायनी और सर्जन के तीन डाक्टरों को भी10 दिन की प्रतिनियुक्ति पर लाया गया है। प्रयास किया जा रहा है कि उनक नियमित आदेश हो जाए।


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