लेक  व्यू कैफे… अब तक 11 लाख का मुनाफा

By: Aug 21st, 2018 12:05 am

 बिलासपुर —हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के बिलासपुर शहर में स्थापित होटल लेक व्यू कैफे बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों के लिए किसी आकर्षण से कम नहीं है। गोबिंदसागर झील के ठीक सामने लोकेशन के हिसाब से यह होटल परफेक्ट है और यही वजह है कि पर्यटन सीजन में पर्यटक यहां जरूर रुकना पसंद करते हैं। यही नहीं, इस होटल में बनाए गए बिग हाल में शादी समारोहों के साथ ही बर्थ-डे व अन्य पार्टियों के आयोजन से भी कमाई हो रही है। होटल के इंचार्ज हंसराज ने बताया कि इस होटल में 25 कमरे और एक बड़ा हाल है। होटल में दो दर्जन से ज्यादा स्टाफ कार्यरत है जो कि शिफ्टों में ड्यूटी करता है। 1300 से लेकर 3700 रुपए तक कमरों की बुकिंग की जाती है। उन्होंने बताया कि पर्यटन सीजन में अस्सी फीसदी बुकिंग रहती है, जबकि अमूमन 40 से 45 फीसदी बुकिंग होती है। उन्होंने बताया कि इस साल यह होटल 10 से 11 लाख रुपए के प्रोफिट में है। पर्यटकों के अलावा निगम की वाल्वो बसें भी यहां रुकती हैं। उधर, बिलासपुर शहर में कार्यरत होटल लेकव्यू कैफे में पर्यटकों की सुविधा के लिए शुरू किए गए टूरिस्ट इन्फार्मेशन सेंटर को अब बार रूम में बदलने की योजना है। चूंकि स्टाफ के अभाव में इस सेंटर का संचालन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है जिस कारण पर्यटकों को इसका कोई लाभ नहीं। ऐसे में होटल इंचार्ज ने निगम प्रबंधन से इस सेंटर को बार रूम बनाने की प्रोपोजल दी है।

काम खत्म होते ही होगा शुभारंभ

हंसराज के अनुसार फोरलेन पर औहर में निगम का एक होटल बन रहा है। पच्चीस से तीस लाख की लागत से बनने वाले इस होटल में पर्यटन आकर्षण बढ़ाया जाएगा, लेकिन अभी तक फोरलेन का कार्य पूरा नहीं हो सका है। जैसे ही काम पूरा होगा और फोरलेन पर यातायात की आवाजाही शुरू होगी तो इस होटल का शुभारंभ किया जाएगा। बिलासपुर शहर में लेकव्यू कैफे और आईटीआई के पास कार्यरत कैफे के बाद अब औहर में तीसरा होटल शुरू होगा।

आईटीआई के पास कैफे की इनकम कम

उन्होंने बताया कि एक कैफे आईटीआई के पास कार्यरत है। वहां आधा दर्जन के करीब स्टाफ भी कार्यरत है और एनएच किनारे लोकेशन और पार्किंग के हिसाब से तो काफी बढि़या है, लेकिन उसकी इन्कम बेहद कम है। इस बाबत निगम के आला अफसरों से आग्रह किया है कि इन्कम बढ़ाने के लिए होटल में एचआरटीसी की बसों व वाल्वो को रुकने के लिए व्यवस्था की जानी जरूरी है।

 


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