श्रीनयनादेवी-आनंदपुर साहिब रोप-वे निर्माण का रास्ता साफ

By: Aug 11th, 2018 12:10 am

हिमाचल-पंजाब की सरकारें नए सिरे से एमओयू हस्ताक्षर करने पर सहमत

शिमला— आनंदपुर साहिब को श्रीनयनादेवी से जोड़ने  की बाधा दूर हो गई है। हिंदू-सिख मान्यता से जुड़े प्रमुख धार्मिक स्थल के लिए रोप-वे निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। साढ़े तीन किलोमीटर लंबे रोप-वे के निर्माण के लिए दोनों सरकारें नए सिरे से एमओयू हस्ताक्षर करने पर सहमत हो गई हैं। कुल 200 करोड़ की अनुमानित लागत से प्रस्तावित रोप-वे का एंट्री प्वाइंट श्रीआनंदपुर साहिब में बनेगा। हिमाचल के टोबा में दूसरा जंक्शन निर्मित होगा। रोप-वे की लैंडिंग श्रीनयनादेवी में होगी। परियोजना का निर्माण कार्य पीपीपी मोड पर होगा और इसकी आमदनी का बराबर हिस्सा दोनों राज्यों को मिलेगा। पंजाब तथा हिमाचल दोनों राज्यों की इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना पर शुक्रवार को बैठक के बाद सहमति बनी है। पंजाब के पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और हिमाचल के अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने आनंदपुर साहिब-नयनादेवी रोप-वे पर चंडीगढ़ में बैठक की। इस दौरान परियोजना के संभावित एमओयू पर दोनों सरकारों के बीच सहमति बनी है। जाहिर है कि इस परियोजना का निर्माण कार्य 2012 से लटका है। इसके निर्माण के लिए दोनों सरकारों के बीच पहले भी एमओयू हस्ताक्षरित हो चुका है, बावजूद इसके लैंड डिस्प्यूट के कारण यह परियोजना खटाई में लटक गई। राज्य में सत्ता परिवर्तन होने के बाद मुख्यमंत्री ने निजी तौर पर इस परियोजना का निर्माण कार्य के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों को प्रयास करने के आदेश दिए। खटाई में पड़ी परियोजना के कारण सामने आने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने फरवरी 2018 को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को पत्र लिखकर इस परियोजना को आगे बढ़ाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि पीपीपी मोड पर आधारित इस परियोजना के निर्माण कार्य के लिए 26 जुलाई, 2012 को एमओयू हस्ताक्षरित हुआ था। निर्माण कार्यस्थल के चयन को लेकर आई बाधाओं के कारण बाद में समझौता रद्द कर दिया गया। इसके बाद पंजाब के पर्यटन विभाग ने तीन जून, 2014 को दोबारा इस परियोजना के निर्माण कार्य के लिए प्रयास शुरू करने को पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि तब से यह परियोजना खटाई में पड़ी है। लिहाजा इस परियोजना के निर्माण के लिए हिमाचल सरकार नए सिरे से एमओयू हस्ताक्षरित करने को तैयार है।  इससे दोनों राज्यों के हित जुड़े हैं। पंजाब सरकार को लिखे गए पत्र के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव विनीत चौधरी को इस परियोजना संबंधी पंजाब सरकार से चर्चा के लिए आदेश जारी किए। लिहाजा पिछले चार माह से हिमाचल सरकार के अधिकारी पंजाब के संपर्क में थे। उल्लेखनीय है कि नौ अगस्त को हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में रोप-वे परियोजनाओं के निर्माण के लिए नियमों में ढील दी गई है। हिमाचल सरकार के इस फैसले से पंजाब सरकार ने विशेष उत्साह दिखाया। नतीजतन शुक्रवार शाम को ही पंजाब के पर्यटन मंत्री ने हिमाचल के मुख्यमंत्री से इस रोप-वे परियोजना पर चर्चा का आग्रह किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बैठक के लिए राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभग सिंह को चंडीगढ़ भेजा था।


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