सचिवालय की आवासीय कालोनी खतरे में

By: Aug 6th, 2018 12:10 am

 शिमला —राज्य सचिवालय के साथ लगते अधिकारियों व कर्मचारियों के आवासीय भवन खतरे में हैं। बरसात की शुरूआत में यहां हुए भू-स्खलन को सिर्फ तिरपाल डालकर आगे बढ़ने से रोका जा रहा है। हालांकि जिस जगह पर भू-स्खलन हुआ है, उसके साथ लगता भवन लगभग खाली करवा दिया गया है और सचिवालय के अफसरों व कर्मचारियों को कहीं दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है लेकिन इस भवन के साथ लगते कई दूसरे भवन भी हैं जिनपर भी खतरा मंडरा रहा है। यहां बरसात के चलते भू-स्खलन बढ़ता रहा तो सचिवालय के कई आवासीय मकान जमींदोज हो जाएंगे।  इन आवासीय भवनों के नीचे की ओर सचिवालय के तीसरे भवन का निर्माण किया जा रहा है ,जिसका काम चल रहा है। बरसात के चलते इस काम में काफी ज्यादा व्यवधान है, परंतु इसे जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री ने भी इस काम का जायजा लिया था।ये काम तो चलता रहेगा परंतु बरसात के चलते ऊपर स्थित आवासीय कॉलौनी को खतरा पैदा हो गया है। शिमला शहर में कई और क्षेत्रों में भी इस तरह का हाल इन दिनों चल रहा है जिससे कई पुरानी इमारतें खतरे की जद्द में हैं। शिमला में हर साल इस तरह से भूस्खलन होता है जिसमें सबसे अधिक  नुकसान शहर के बाईपास मार्गों पर देखा जा रहा है। फिलहाल सचिवालय की आवासीय कॉलौनी को खतरा बढ़ गया है जिसे बचाने के लिए तीव्रता से कदम उठाने की जरूरत है।  इस नुकसान को रोकने के लिए फिलहाल लोक निर्माण विभाग कोई कदम नहीं उठा रहा। आवासीय भवन गिरते हैं तो नीचे सचिवालय की पुराने बिल्डिंग को भी इसका बड़ा नुकसान होगा।  ऐसा होने से सरकार पर ही प्रश्नचिन्ह लग जाएंगे।

अधिकारियों की रातों की नींद गायब

यहां बड़ी संख्या में सचिवालय सेवाएं कॉडर के अधिकारी व कर्मचारी रहते हैं, जिनकी रातों की नींद हराम हो चुकी है। रात के समय में तेज बारिश के दौरान लोग जाग उठते हैं और फिर नींद बमुश्किल आती है। इन तीनों भवनों को भी पूरा खतरा है क्योंकि नीचे चल रहे काम के चलते भू-स्खलन हो रहा है जो धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। इसे रोकने के लिए फिलहाल किसी तरह का कोई इंतजाम नहीं है और यहां केवल तिरपाल डालकर ही इसे बारिश से बचाने की कोशिश हो रही है। लोगों ने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि शीघ्र इस दिशा में उचित कदम उठाए जाएं,ताकि कर्मचारियों अधिकारियों को भी डर से राहत मिल सके और सरकारी प्रापर्टी भी बच जाए।

आने वाले दिनों मुसीबत बनेगी स्लाइडिंग

चूंकि राजधानी में लगातार बारिश हो रही है,ऐसे में आने वाले दिनों में कई प्वाइंट्स पर स्लाइडिंग हो सकती है। राजधानी के कई तीखे मोड़ हैं,जहा भू-स्खलन का खतरा है। इसी तरह कई जगह पेड़ गिरने का भी खतरा है। रविवार के दिन जिला के कई इलाकों में बारिश का समाचार है,इसी तरह आने वाले दिनों लोगों के लिए मुसीबत हो सकती है। गौर रहे कि हर साल इस तरह से भूस्खलन होता है जिसमें सबसे अधिक  नुकसान शहर के बाईपास मार्गों पर देखा जा रहा है। जिला प्रशासन को समय रहते इस समस्या पर काबू पाना पड़ेगा। इसके लिए खास तरह का रूट चार्ट भी बनाना होगा,ताकि इस तरह की आपदा आने पर आसानी से उससे निपटने के प्रयास किए जा सकें।


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