सीएम ने बहाल किया,तो अफसरों की क्या मजाल
शिमला —अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के नेताओं ने बागबानी निदेशक पर पूर्व सरकार के चहेते रहे कर्मचारियों के साथ बैठक कर कर्मचारियों में फूट डालने का आरोप लगाया है। इन नेताओं ने कहा कि जब तक सरकार मान्यता नहीं दे देती, तब तक विभाग किसी के साथ भी बैठक नहीं कर सकते हैं।अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला शिमला अध्यक्ष रविन्द्र मैहता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरि सिंह ठाकुर और महासचिव गोबिन्द बरागटा, जिला सिरमौर के अध्यक्ष अजय जोशी, महासचिव गितेश पराशर, जिला सोलन के अध्यक्ष राकेश कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष घनश्याम मेहता तथा महासचिव टिक्कम ठाकुर ने बागवानी विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय के चहेते अधिकारी आज भी अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के संयोजक विनोद कुमार को अपमानित करने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने महासंघ नेता की सेवा में बहाली कर प्रदेश के कर्मचारियों का मान-सम्मान बढ़ाया है, परंतु अधिकारी आज भी विनोद कुमार को अपमानित करने में अपनी शक्तियों का दुरूपयोग करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं, जिसका प्रमुख कारण पूर्व कांग्रेस सरकार में परिसंघ के पूर्व अध्यक्ष तथा वर्तमान में महासंघ के राज्य संयोजक विनोद कुमार ने बड़े अधिकारियों के भ्रष्टाचार और कर्मचारी उत्पीड़न के मामले उजागर किए, जिसका बदला आज भी अधिकारी लेने पर तुले हुए हैं। महासंघ नेताओं ने कहा कि विनोद कुमार की बहाली पर पहले दिन उनकी उपस्थिति 11.7.2018 को बागबानी निदेशालय में होती है, दूसरे दिन अधिकारियों ने उन्हें एक योजना के तहत बिलासपुर के लिए आदेश पकड़ा दिए, परंतु मामला मुख्यमंत्री के ध्यान में लाने के बाद मुख्यमंत्री ने विनोद कुमार को बागवानी निदेशालय की प्रशासनिक शाखा में नियुक्ति के निर्देश जारी किए तथा 21.7.2018 को प्रशासनिक शाखा में उपस्थिति देने के बाद उन्हंे तीसरे दिन निदेशक ने 24.7.2018 को निदेशालय की प्रशासनिक शाखा से ऑडिट शाखा को स्थानांतरित कर दिया। महासंघ नेताओं ने कहा कि तमाम कर्मचारी वर्ग विनोद कुमार के साथ एकजुट हैं।
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