हिमाचली गबरू मुनीष देव ने जीता लद्दाख
333 किलोमीटर लंबी ला-अल्ट्रा मैराथन फतह करने वाले पहले भारतीय
मंडी— लेह-लद्दाख, जहां पैदल चलना ही चुनौती है, उसे हिमाचली मैराथन मुनीष देव ने आसानी से नाप लिया। जी हां, कांगड़ा जिला के गगल के बडि़यारा निवासी मुनीष देव ला-अल्ट्रा दि हाई-333 मैराथन जीतने वाले पहले भारतीय बने हैं। मुनीष देव ने यह ला-अल्ट्रा मैराथन 71 घंटे 30 मिनट 28 सेकंड में पूरी की। यह चुनौती इतनी मुश्किल है कि इसमें इस साल महज पांच धावक हिस्सा ले सके। ला अल्ट्रा मैराथन का यह नौंवा एडिशन था। खास बात यह है कि इस बार इस मैराथन में भाग लेने वाले पांचों भारतीय थे, जिसे मुनीष देव जीतने में कामयाब रहे। इससे पहले आठ बार विदेशी धावकों ने इसे जीता है। ‘दिव्य हिमाचल’ से विशेष बातचीत में मैराथनर मुनीष ने बताया कि वह रोजाना करीब दो घंटे अभ्यास करते थे। मगर शनिवार-रविवार को छह घंटे रेसिंग होती थी। उन्होंने मैराथन जीतने के लिए छह महीने पहले ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। बता दें कि इस चुनौती में धावक को तीन मर्तबा 17500 फुट की ऊंचाई वाले दर्रे पास करने होते हैं, जहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से लेकर 12 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। इस बार एक धावक को दौड़ बीच में छोड़नी पड़ी, जबकि एक धावक सुनील हांडा मैराथन तय समय में पूरी नहीं कर सके। वर्तमान में मुनीष देव बतौर एचआर मैनेजर एनटीसीपी नोएडा में सेवाएं दे रहे हैं। मनदीप दून 71 घंटे 34 मिनट और 30 सेकंड में दौड़ पूरी कर दूसरे नंबर पर रहे। इसके अलावा आशीष ने यह दौड़ 71 घंटे 59 मिनट और 29 सेकंड में पूरी कर तीसरे स्थान पर रहे। दौड़ कराकोरम रेंज के बेस नुबरा घाटी से शुरू होती है। इसके बाद खारदंग ला को पार करना होता है। इसमें लेह के खारदुंगला, वरीला, तंगलंग ला दर्रे पार करते होते हैं। फिनिश लाइन मोरे प्लेंस में स्थापित है, जो 15500 फुट पर है।
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