अमरीका के दबाव में रूस से करार नहीं तोड़ेगा भारत

By: Sep 3rd, 2018 12:05 am

नई दिल्ली – अमरीका की आपत्तियों के बावजूद भारत रूस के साथ एस-400 ट्रायंफ हवाई रक्षा मिसाइल तंत्र खरीदने की डिफेंस डील करेगा। ऐसा माना जा रहा है कि भारत आगामी टू प्लस टू वार्ता के दौरान अमरीका को अवगत करा सकता है कि वह मॉस्को के साथ 40000 करोड़ रुपए के इस सौदे पर आगे बढ़ रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि भारत इस बड़े सौदे के लिए ट्रंप प्रशासन से छूट की मांग कर सकता है। इसके लिए भारत क्षेत्रीय सुरक्षा की पृष्ठभूमि के साथ ही रूस के साथ अपने करीबी रक्षा सहयोग के मद्देनजर मिसाइल प्रणाली को लेकर अपनी जरूरतों का हवाला दे सकता है। उच्च स्तर के एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि भारत रूस के साथ एस-400 मिसाइल के सौदे को तकरीबन संपन्न कर चुका है और हम इस पर आगे बढ़ रहे हैं। मुद्दे पर अपने पक्ष से अमरीका को अवगत कराया जाएगा। अमरीका ने क्रीमिया पर कब्जे और साल 2016 में अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव में कथित दखल के लिए सख्त सीएएटीएसए कानून के तहत रूस के खिलाफ सैन्य प्रतिबंध लगा रखा है। सीएएटीएसए के तहत डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को रूस के रक्षा या खुफिया प्रतिष्ठान के साथ महत्त्वपूर्ण लेन-देन में संलिप्त देश और संस्था को दंडित करने का अधिकार मिला हुआ है। एशिया मामले को देखने वाले पेंटागन के वरिष्ठ अधिकारी रेंडाल स्क्रीवर ने कहा कि अमरीका इसकी गारंटी नहीं दे सकता कि रूस से हथियार और रक्षा तंत्र की खरीदारी करने पर भारत को छूट दी जाएगी। अमरीका संकेत देता रहा है कि वह नहीं चाहता है कि भारत रूस के साथ सौदे को अंतिम रूप दे। अमरीका और भारत के बीच रणनीतिक मामलों पर बहुप्रतीक्षित टू प्लस टू वार्ता का पहला संस्करण यहां छह सितंबर को होगा।


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