आतंक के खिलाफ बिम्सटेक

By: Sep 1st, 2018 12:04 am

भारत के रुख का समर्थन; सभी सदस्यों ने मिलाया हाथ, पाक को नसीहत

काठमांडू— नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा बिम्सटेक की अध्यक्षता श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सीरीसेना को सौंपे जाने के साथ ही संगठन का चौथा शिखर सम्मेलन शुक्रवार को समाप्त हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बिम्सटेक के अन्य सदस्य देशों के शीर्ष नेताओं ने नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। आतंकवाद पर भारत के रुख का समर्थन करते हुए बिम्सटेक देशों के चौथे शिखर सम्मेलन में जारी घोषणा पत्र में बिना किसी देश का नाम लिए कहा गया है कि सिर्फ आतंकी तथा आतंकवादी संगठनों को ही नहीं, आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। बिम्सटेक देशों के प्रमुखों ने साफ संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में दक्षिण एशियाई देशों का प्रतिनिधित्व करने वाला संगठन यही रहेगा। भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाइलैंड व म्यांमार के राष्ट्र प्रमुखों की काठमांडू घोषणा पत्र में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को परोक्ष तौर पर नसीहत दी गई है। इसमें कहा गया है कि किसी भी देश को किसी भी तरह के आतंक का न तो समर्थन करना चाहिए और न ही सीमा पार आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहिए।

नेपाल में पीएम ने याद किए अटलजी

पीएम मोदी ने काठमांडू में पशुपतिनाथ धर्मशाला का उद्घाटन किया। उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने अटलजी को याद किया और भारत-नेपाल संबंधों पर भी चर्चा की। पीएम ने कहा कि अटलजी के निधन के समय नेपाल दुख की उस घड़ी में भारत के साथ खड़ा था। उन्होंने कहा कि अटलजी के निधन के बाद नेपाल के पीएम ओली ने उन्हें फोन कर दुख जताया था। साथ ही उन्होंने नेपाल सरकार और पीएम ओली को अटलजी की कविता का नेपाली भाषा में अनुवाद करने के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम के लिए यह सच्ची श्रद्धाजंलि है।


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