इस साल भी एससीए चुनाव नहीं
एचपीयू प्रशासन ने गुपचुप बुलाई बैठक में लिया फैसला, लगातार पांचवें साल मैरिट के आधार पर ही गठन
शिमला -हिमाचल प्रदेश के कालेजों में इस बार भी छात्र संघ (एससीए) चुनाव नहीं होंगे। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के 136 कालेजों में इस बार भी मैरिट के आधार पर अप्रत्यक्ष रूप से ही एससीए का गठन किया जाएगा। यह पांचवा साल है, जब प्रदेश में छात्र संघ चुनावों पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया गया है। पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में प्रदेश में छात्र संघ चुनावों पर प्रतिबंध लगाया गया था और अब वर्तमान भाजपा सरकार ने भी सत्ता में आने के बाद इस प्रतिबंध को कायम ही रखा है। शुक्त्रवार को ही एचपीयू में विश्वविद्यालय प्रशासन ने गुपचुप तरीके से छात्र संघ चुनावों को लेकर बैठक बुलाई ओर इस बैठक में फैसला लिया कि छात्र संघ चुनावों पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया जाएगा और इस वर्ष भी प्रदेश विवि सहित सभी कालेजों में मैरिट के आधार पर ही एससीए के गठन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विश्वविद्यालय ने मैरिट के आधार पर एचपीयू और इस से संबद्ध कालेजों में एससीए के गठन को लेकर शेड्यूल भी तय कर दिया है। सभी कालेजों में 10 से 18 सितंबर के बीच एससीए के गठन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विवि के डीएसडब्ल्यू प्रो. कमलजीत सिंह ने इस बात की पुष्टि की है कि इस वर्ष भी एचपीयू और प्रदेश के कालेजों में मैरिट के आधार पर ही एससीए का गठन किया जाएगा। छात्र संघ चुनावों पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया जाएगा। इसको लेकर विवि प्रशासन कॉलेजों को निर्देश जारी करेगा कि आठ दिन के भीतर मैरिट आधार पर एससीए गठन की प्रक्रिया पूरी कर लें। विश्वविद्यालय के इस फैसले से एक बार फिर से छात्र संगठनों की उम्मीदों पर पानी फिर गया हैं। हालांकि इस बार एचपीयू ने मामले में हाई पावर कमेटी का गठन भी किया था, जिसने कालेज प्राचार्यों और विवि विभागाध्यक्षों से ली गई राय पर अपनी रिपोर्ट बनाई थी। इस रिपोर्ट पर भी चर्चा विवि प्रशासन ने की, लेकिन चुनावों पर फैसला फिर भी नहीं बदला। एबीवीपी और एसएफआई लगातार सरकार और विवि प्रशासन से छात्र संघ चुनावों को बहाल करने की मांग कर रहे थे। बड़ी बात यह भी की भाजपा ने चुनावों से पहले छात्र संघ चुनावों की बहाली को अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था। इसके चलते छात्र संगठनों को उम्मीद थी कि इस वर्ष चुनाव बहाल होंगे, लेकिन लगातार पांचवें वर्ष छात्र संगठनों की उम्मीदें टूटी हैं।
मैरिट के आधार पर कालेजों ऐसे चुनी जाएगी एससीए
विश्वविद्यालय के हर विभाग व कालेजों में प्रत्येक विषय व कक्षा से टॉपर चुने जाएंगे। साथ ही इन शिक्षण संस्थानों में सांस्कृतिक, एनसीसी, एनएसएस, खेलकूद क्षेत्र में से भी अव्वल रहने वाले एक-एक छात्र को चुना जाएगा। विवि और कालेजों में चुने गए छात्रों के नामों की सूची तैयार की जाएगी और हर संस्थान में हर सूची में शैक्षणिक आधार पर टॉपर रहने वाले चार छात्रों को एससीए पदाधिकारी चुना जाएगा। सबसे शीर्ष पर रहने वाला छात्र या छात्रा अध्यक्ष, दूसरे पर उपाध्यक्ष, तीसरे पर महासचिव व चौथे नंबर पर रहने वाले छात्र को संयुक्त सचिव चुना जाएगा। सूची में शामिल शेष छात्र-छात्राओं को केंद्रीय छात्र संघ प्रतिनिधियों में शामिल किया जाएगा।
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