उपायुक्तों को स्कूलों में पढ़ाई से कोई लेना-देना नहीं

By: Sep 28th, 2018 12:01 am

किसी भी डीसी ने प्रदेश सरकार को नहीं भेजी सरकारी स्कूलों की हालत की रिपोर्ट

शिमला – प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा पर उठ रहे सवालों के बीच सरकार ने अब जिला के सभी उपायुक्तों को आड़े हाथों लिया है। राज्य सरकार ने कहा है कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के सभी उपायुक्तों को अध्यक्ष बनाया गया है, लेकिन किसी भी जिला से सरकारी स्कूलों की हालत के बारे में कोई भी रिपोर्ट नहीं आई है। बताया जा रहा है कि कोई भी उपायुक्त स्कूलों के निरीक्षण भी नहीं कर रहे है। वहीं, स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाने चाहिएं और किस तरह की व्यवस्था करनी चाहिए, इस पर भी कोई योजना नहीं बनाई गई है। राज्य सरकार ने नसीहत देते हुए कहा है कि सरकारी  स्कूलों में छेड़खानी के जो मामले दबे हैं, उसके पीछे यह भी एक कारण है। सरकार ने कहा है कि अगर समय – समय पर जिला उपायुक्त अपने स्कूलों में जाते और निरीक्षण करते और हर जांच फाइल को खंगालते व छात्रों से बात करते तो इस तरह की स्थिति प्रदेश में नहीं होती। राज्य सरकार की ओर से शिक्षा सचिव ने कहा कि हाल ही में सभी उपायुक्तों से कान्फ्रेस के दौरान जब पूछा गया कि सरकारी स्कूलों में उन्होंने कितने निरीक्षण किए तो उसमें यह बात सामने आई की एक भी डीसी ने किसी स्कूल का निरीक्षण नहीं किया है। बता दें कि प्रदेश के हर जिले के उपायुक्तों को समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों में शिक्षकों की कमी, छात्रों की इनरोलमेंट, आधारभूत ढांचा, और इसके अलावा पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुए मामलों पर स्टेटस रिपोर्ट लेने का अधिकार है। कुछ वर्ष पहले प्रदेश सरकार ने उपायुक्तों को यह अधिकार दिए थे। अब राज्य सरकार ने सभी डीसी को कहा है कि वे सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली पर नजर रखें। इसके साथ ही स्कूलों में छात्रों को किस तरह से पढ़ाया जा रहा है, इस पर भी समय-समय पर निरीक्षण कर ध्यान दिया जाए। प्रदेश शिक्षा सचिव अरुण शर्र्मा की ओर से यह आदेश दिए गए हैं।

शिक्षा विभाग के जांच अधिकारी भी नहीं दे रहे रिपोर्ट

डीसी के अलावा हर जिले में दस से पंद्रह शिक्षा विभाग के जांच अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इन जांच अधिकारियों को स्कूलों में जाकर निरीक्षण क रने के अलावा स्कूलों में छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं का आकलन करने के भी निर्देश दिए गए थे। हैरत की बात है कि शिक्षा विभाग को इन जांच अधिकारियों की आउटपुट भी नहीं मिल रही है। यही वजह है कि अब राज्य सरकार ने जिलों से जांच रिपोर्ट न आने पर कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं।


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