एक चिंगारी से… लाखों राख

By: Sep 5th, 2018 12:15 am

शाहतलाई— बाबा बालकनाथ की तपोस्थली में आपात स्थिति में आगजनी से निपटने को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं हैं। न अग्निशमन केंद्र है और न ही आपात स्थिति से निपटने के लिए ठोस प्रबंध। मंगलवार को हुई आगजनी की घटना ने सुरक्षा के प्रबंधों की पोल खोलकर रख दी है। एमर्जेंसी में फायर ब्रिगेड वाहन घुमारवीं से मंगवाना पड़ता है। आगजनी की इस घटना में लगभग आधा दर्जन दुकानें और दो मकानों को एक करोड़ के लगभग नुकसान का आकलन किया गया है। यहां बता दें कि मंगलवार को शाहतलाई बाजार में दोपहर 3ः15 बजे शर्मा जनरल स्टोर में गैस सिलेंडर में आग लग लग गई और कुछ ही समय में देखते ही देखते भयावह रूप धारण कर लिया। इस कारण शर्मा जनरल स्टोर की दुकान के अलावा साथ लगते अन्य दुकानें भी चपेट में आ गई। दुकानों के पीछे रिहायशी मकान भी आग से नहीं बच पाया, जिसमें रहने वाले मदनलाल अशोक कुमार, नीलम कुमारी जसवंत चौहान भूपिंदर सिंह इत्यादि किराएदारों का भी लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। आगजनी से शर्मा जनरल स्टोर के मालिक नरेश शर्मा व फास्ट फूड शॉप के मालिक पविंद्र शर्मा की दुकान का लगभग 40 लाख का नुकसान हुआ है। जबकि अन्य रियासी मकान कि मालिक कलासो देवी का भी 20 लाख से अधिक नुकसान हुआ है इसके अलावा अन्य दुकानदार नीलम कुमारी, भूपेंद्र सिंह और वसीम अकरम तथा प्रकाश चंद का भी लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। बताते चलें कि सूचना देने के बावजूद सवा घंटे के बाद मौके पर पहुंचकर फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया हालांकि उसके बाद एक और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। मौके पर प्रशासन की ओर उपमंडलाधिकारी झंडूता नवीन शर्मा नायब तहसीलदार प्रेम सिंह धीमान और डीएसपी राजिंद्र जसवाल जायजा लिया और प्रशासन ने मौके पर दस आगजनी से पीडि़त दुकानदारों व अन्य को फौरी राहत तौर पर पर दी। उल्लेखनीय है कि लाखों की तादाद में प्रतिवर्ष श्रद्धालु इस क्षेत्र में पहुंचते हैं लेकिन सरकार ने इस क्षेत्र की महत्ता को नहीं समझा और अगर ऐसी घटना मेलों के दौरान यहां पर घट जाए तो जानी नुकसान भी हो सकता है। शाहतलाई क्षेत्र में तकरीबन 400 के करीब दुकानें बनी हुई हैं जहां पर इनके साथ ही सैकड़ों परिवारों के रिहायशी मकान भी बने हुए हैं, लेकिन ऐसी घटना के वक्त  प्रशासन व सरकार के पास कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं। यदि फायर ब्रिगेड वाहन यहां उपलब्ध होता तो मंगलवार को लगी इस आग पर समय रहते काबू पाया जा सकता था। विडंबना यह है कि आग लगने के सवा घंटे के बाद जिला हमीरपुर के बिझड़ से एक फायर ब्रिगेड गाड़ी पहुंची तो दूसरी गाड़ी घुमारवीं से 30 किलोमीटर दूर से आई, जिस कारण फायर ब्रिगेड को पहुंचने में देरी स्वभाविक ही थी। अगर ऐसी घटना रात्रि समय में हो जाए तो लोगों के सामान के साथ साथ जानी नुकसान भी होना स्वाभाविक है।


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