एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ छेड़ेंगे जंग
शिमला —एससीएसटी एक्ट के खिलाफ प्रदेश के क्षत्रिय अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के बैनर तले आंदोलन का बिगुल फूंकेंगे। भारत सरकार के खिलाफ शुरू होने जा रहे आंदोलन के दौरान महासभा मुख्यमंत्री के माध्यम से प्रधानमंत्री को पांच सूत्री ज्ञापन सौंपेगी। इसके अलावा 11, 12 और 13 सितंबर को महासभा के सदस्य सभी जिला मुख्यालयों में तीन दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठेंगे। शिमला में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कंवर अजय राणा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एससीएसटी एक्ट के संशोधन के खिलाफ भारत सरकार ने जो कानून बनाया है, वह एक काला कानून है। इसे पास कर भारत सरकार ने देश की 80 प्रतिशत जनता के साथ धोखा किया है। क्षत्रिय समाज इस फैसले का पुरजोर विरोध करता है। इस काले कानून के खिलाफ क्षत्रिय समाज किसी भी हद तक जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में कार्यरत समस्त राजपूत व क्षत्रिय एकजुट होकर 21 सितंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय क्षत्रिय जन संसद का गठन करेंगे। इसमें भारत के सभी लोकसभा क्षेेत्रों मंे क्षत्रिय संसद नामित की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की आरक्षण नीति के खिलाफ प्रदेश से राष्ट्रीय स्तरीय आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा। वहीं, महासभा के प्रदेश अध्यक्ष संजय राणा ने बताया कि महासभा 1897 से अस्तित्व में है, लेकिन हिमाचल में हाल ही इसकी कमेटियां गठित की गई हंै। अभी तक आठ जिलों में कार्यकारिणी का गठन किया जा रहा है। शेष जिलों मंें भी कार्यकारिणियों को गठन जल्द कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महासभा का सदस्यता अभियान भी जोरों से चल रहा है। उन्होंने कहा कि क्षत्रिय किसी जाति वर्ग के खिलाफ नहीं है, लेकिन अपने अधिकारों की लड़ाई में वे पीछे नहीं हटेंगे।
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