जयराम सरकार के कार्यकाल में पर्यटन विकास

By: Sep 27th, 2018 12:07 am

अनुज कुमार आचार्य

लेखक, बैजनाथ से हैं

चूंकि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों के विस्तार की अपार संभावनाएं हैं, अतएव इस परियोजना के तहत युवाओं को पर्यटन व संबद्ध क्षेत्रों में रोजगार प्राप्ति हेतु प्रशिक्षित किया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस परियोजना को हिमाचल प्रदेश के पर्यटन के इतिहास में सबसे बड़ा प्रोजेक्ट करार दिया है…

देवभूमि हिमाचल प्रदेश को सैलानियों का स्वर्ग कहा जाता है। यहां वर्ष पर्यंत देशी एवं विदेशी पर्यटक प्रकृति के सानिध्य में मनोरम, मनोहारी प्राकृतिक दृश्यावलियों के बीच अपने आपको आनंदित और खुशी से ओतप्रोत पाकर राहत महसूस करते हैं। निर्मल जल से भरपूर ठंडक प्रदान करने वाले शीतल जल में खड्डों, नदियों के किनारे समय व्यतीत करने से जहां पर्यटकों को सुकून मिलता है, तो वहीं जीवन की आपाधापी से उपजी उनकी थकान और तनाव छूमंतर हो जाता है। संभवतः इसलिए हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार पर्यटन पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा भारतीय और विदेशी पर्यटकों को हिमाचल की खूबसूरती का लुत्फ उठाने के लिए आकर्षित किया जा सके। पर्यटकों की आमद से पर्यटन व्यवसाय और हिमाचली कारोबारियों को भी लाभ पहुंचता है। यह जयराम सरकार के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने एशियन विकास बैंक की फंडिंग से 1892 करोड़ रुपए की एक महत्त्वाकांक्षी पर्यटन विकास परियोजना को अपनी मंजूरी प्रदान की है। इस परियोजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन अधोसंरचना विकास परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार के अनुसार आगामी 8 वर्षों में परियोजना के तहत अधोसंरचना विकसित कर ग्रामीण, साहसिक एवं इको पर्यटन क्षेत्रों में आजीविका तथा रोजगार के नए अवसरों को सृजित करने के साथ-साथ पर्यटन विविधीकरण पर बल दिया जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत जलापूर्ति, मल निकासी, ठोस कचरा प्रबंधन, पर्यटन क्षेत्र से जुड़ा कौशल उन्नयन, विज्ञापन और विपणन इत्यादि सेवाओं को शुरू करके समुदाय आधारित पर्यटन गतिविधियों को लागू किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में दीर्घकालीन सोच को मद्देनजर रखकर पर्यटन संवर्धन की इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना से शहरों का सौंदर्यीकरण, अनछुए क्षेत्रों का विकास, स्मारक भवनों का जीर्णोद्धार एवं संरक्षण, साहसिक गतिविधियों की अधोसंरचना का विकास, सामुदायिक सहभागिता से इको ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे रोजगार सृजन गतिविधियों को बल मिलेगा।

चूंकि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों के विस्तार की अपार संभावनाएं हैं, अतएव इस परियोजना के तहत युवाओं को पर्यटन व संबद्ध क्षेत्रों में रोजगार प्राप्ति के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस परियोजना को हिमाचल प्रदेश के पर्यटन के इतिहास में सबसे बड़ा प्रोजेक्ट करार दिया है। उनके अनुसार परियोजना के अंतर्गत चान्शल, बीड़ बिलिंग और जंजहैली जैसे अनछुए क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘नई राहें, नई मंजिलें’ की शुरुआत भी की है। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन के विविधीकरण के लिए अनछुए और अप्रत्याशित पर्यटन स्थलों की पहचान की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने 50 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया है। सरकार ने एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के दृष्टिगत हेलिटैक्सी की शुरुआत भी की है। हाल ही में मणिमहेश यात्रा में भी श्रद्धालुओं ने हेलीकाप्टर द्वारा आवागमन को अधिमान दिया है और इस सुविधा से बुजुर्गों की धार्मिक यात्रा पर जाने की इच्छापूर्ति भी हुई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में 1980 से विश्व में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 27 सितंबर को  विश्व पर्यटन दिवस आयोजित करने की शुरुआत की थी। भारत की राजधानी सहित देश के विभिन्न राज्यों में 16 सितंबर से 27 सितंबर 2018 तक ‘पर्यटन पर्व’ मनाया जा रहा है। पर्यटन पर्व का उद्देश्य भारतीय एवं विदेशी पर्यटकों को समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक परंपरा से परिचित करवाना है। संयुक्त राष्ट्र पर्यटन संगठन की टूरिज्म हाइलाइट्स रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 132.3 करोड़ रही है, जिसमें दक्षिण एशियाई देशों में सबसे अधिक विदेशी पर्यटक भारत में पहुंचे हैं। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के अनुसार पर्यटन दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता एवं कमाई का क्षेत्र है। वर्ष 2017 में पर्यटकों के आने से आगंतुक देशों को 1300 अरब डालर की आय हुई है। केंद्र सरकार द्वारा प्रक्रियाओं को सरल करने के कारण भी भारत दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने में कामयाब रहा है। वर्ष 2017 में भारत में कुल विदेशी पर्यटकों की संख्या एक करोड़ 55 लाख  थी और इससे भारत को 27.36 अरब डालर की आय हुई। हिमाचल प्रदेश में पर्यटन से रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, लिहाजा प्रदेश में पिछले 50 वर्षों से इस दिशा में सभी सरकारें प्रयासरत रहती आई हैं। हिमाचल के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन का 7.5 फीसदी योगदान है, इसमें बढ़ोतरी की दरकार है। जिस प्रकार से हिमाचल प्रदेश में जयराम सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं में पर्यटन विकास को सर्वोपरि स्थान दिया है, उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में विभिन्न प्रोजेक्ट्स के पूरा होने पर हिमाचल में न केवल देसी और विदेशी पर्यटकों की आमद में बढ़ोतरी होगी, बल्कि हिमाचली युवाओं के लिए भी रोजगार के द्वार खुलेंगे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App