बड्ढलठोर में बादल फटा, कालका-शिमला एनएच धंसा

By: Sep 14th, 2018 12:03 am

घरों में घुसा मलबा; स्कूल की चारदीवारी ढही, पेड़ों सहित उखड़े बिजली के खंभे 

गरली, परागपुर— मानसून के कहर से त्रस्त हिमाचल को अभी राहत नहीं मिल रही है। जिला कांगड़ा के गरली की निकटवर्ती पंचायत बड्ढलठोर में बुधवार को बादल फटने से बारिश ने जमकर कहर मचाया। रात करीब आठ बजे मूसलाधार बारिश से  आई बाढ़ से डीएबीएम पब्लिक स्कूल  की चारदीवारी ढह गई । इतना ही साथ लगते बरबाडा व चनौर में भी कई घरों में कीचडऩुमा मलबा घुसने से भारी नुकसान हुआ है । इस आसमानी कहर से चनौर व बरबाडा की सडक़ों मे मलबा भरने से करीब 15 घंटे तमाम गाडिय़ों की आवाजाही बंद रही । कुडऩा-सलेटी, सरड़-डोगरी तथा सरड़-बम्मी व उपरला कलोहा में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। भारी बारिश से कई पेड़ धराशायी हो गए तो बिजली के भी कई खंभे उखड़ गए। इसके  अलावा जिला ऊना में तूफान से कई पेड़ जड़ से उखड़ गए। जिला के बड़ही-चरुड़ू सहित अन्य कई स्थानों पर तूफान ने जमकर कहर बरपाया। इसके अलावा गुरुवार देर शाम को धर्मशाला-कांगड़ा के साथ पालमपुर के पंचरुखी में भी जोरदार बारिश हुई। आसमान पर छाई घनघोर घटाओं और कडक़ती बिजली ने लोगों को खूब डराया। वहीं चंबा में तो दिन में अंधेरा छा गया था।

प्रदेश में 56 सडक़ें बंंद

शिमला — हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर अभी भी जारी है। बारिश से अभी भी राज्य में जगह-जगह भू-स्खलन हो रहे हंै, जो जनजीवन पर भारी पड़ रहा है। प्रदेश में बारिश से गुरुवार को 56 मार्ग अवरूद्ध रहे। हालांकि 26 मार्ग गुरूवार देर शाम तक वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल हो गए। मगर राज्य में अभी भी 30 के करीब मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए अवरुद्ध पड़े हुए हैं। विभाग का दावा है कि 14 शुक्रवार और 16 मार्ग शनिवार तक बहाल हो जाएंगे। बारिश से प्रदेश में चार कच्चे और एक पक्के मकान को आंशिक नकसान पहुंचा है। चंबा में एक, हमीरपुर में तीन, कांगड़ा में एक कच्चे व पक्के को और शिमला में एक कच्चे मकान को आंशिक नुकसान हुआ है। मंडी में बारिश से 4 गोशालाएं भी जमींदोज हो गईं। इस साल बेरहम बरसात से पीडब्ल्यूडी का नुकसान 728 करोड़ तक पहुंच गया। फिलहाल अभी बारिश से राहत के आसार नहीं हैं।

कोटी के पास भू-स्खलन; पांच करोड़ का नुकसान, दलदल में बदले खेत

सोलन— कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच पर कोटी के समीप पहाड़ के भू-स्खलन होने से आरएस वाल से बनी सडक़ धंसनी शुरू हो गई है। सडक़ के धंस जाने से जहां फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी को पांच करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है । वहीं, स्थानीय लोगों के खेतों में भी मलबा आने से खेत खराब हो गए हंै। साथ ही यहां से लगातार भू-स्खलन हो रहा है। जानकारी के अनुसार बुधवार रात हुई तेज बारिश के चलते  भू-स्खलन होने से पहाड़ के ऊपर बनाई आरएस वाल तकनीक से बनाई गई सडक़ से भी मिट्टी गिरनी शुरू हो गई। बताया जा रहा है कि इस सडक़ को निर्माण किए लगभग दो महीने ही बीते हैं, लेकिन सडक़ इन दिनों हो रही बारिश को भी सह नही पाई है। वहीं पहाड़ के ठीक नीचे बरसाती नाला होने से लगातार मिट्टी खिसकना इसका मुख्य कारण माना जा रहा है।  गौरतलब हो कि कालका-शिमला नेशनल हाई-वे 5 पर इन दिनों फोरलेन का निर्माण कार्य को लेकर पहाड़ो के ऊपर आरएस वाल तकनीक से सडक़ का निर्माण कार्य चला हुआ है। इस तकनीक के अनुसार पहाड़ों के ऊपर बीज डालकर रबर का मैट लगाने के बाद मिट्टी से फिलिंग की जाती है और इसके साइड में नारियल के छिलके से बनी चादर बिछाई जाती है। इससे सडक़ बनाने के लिए डाली जा रही मिट्टी आसानी से खिसकती नहीं है, लेकिन बुधवार रात हुई बारिश के कारण पहाड़ से भू-स्खलन होने से यह सडक़ टिक नहीं पाई है।  दीप राम रघुवंशी, अमित व रूप दत्त ने कहा कि पहाड़ से मलबा गिरने के कारण खेतों को नुकसान पहुंचा है। उनका कहना है कि  थोड़े दिनों पहले बनी सडक़ पर दरारे आनी शुरू हो गई थी, जिसके बाद इसकी जानकारी फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारियों को दी गई थी। फिलहाल मौसम के कहर के चलते कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ है।

 


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