राधाष्टमी…आस्था की महाडुबकी आज
धर्मशाला —देवभूमि हिमाचल के जिला चंबा की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा की तर्ज पर ही जिला कांगड़ा के धौलाधार पहाड़ों में स्थित पवित्र नाग व लम डल में न्हौण के लिए श्रद्धालु रवाना हो गए हैं। राधाष्टमी सोमवार को पवित्र न्हौण पर श्रद्धा की डुबकी लगाने के लिए कांगड़ा सहित प्रदेश भर के श्रद्धालु शनिवार व रविवार को रवाना हुए हैं। हालांकि धौलाधार की पहाडि़यों में ताजा हिमपात होने से यात्रा और भी अधिक कठिन हो गई है, लेकिन भक्तजन मौसम साफ होने पर अब यात्रा पर निकले हैं। वहीं, जिला मुख्यालय धर्मशाला के साथ लगते नड्डी डल झील, भागसूनाग और चाय नगरी पालमपुर के छोटा मणिमहेश राख में भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं बड़े न्हौण के लिए पहुंचेंगे। उक्त स्थानों में मंदिर कमेटियों और स्थानीय लोगांे ने सभी प्रबंध करने के साथ-साथ भंडारे के आयोजन की भी तैयारियां कर ली हैं। नाग डल और लम डल के अति दुर्गम क्षेत्रों में भी भक्तों की सुविधा के लिए भंडारे सजाए गए हैं। धौलाधार की पहाडि़यों के ठीक पीछे स्थित नाग डल में पहुंचने के लिए धर्मशाला से 13 किलोमीटर दूर मकलोडगंज में बस या अन्य वाहन से पहुंचा जाता है। इसके बाद धर्मकोट तीन किमी और गलूं माता मंदिर दो किमी. तक भी वाहन योग्य मार्ग उपलब्ध है। इसके बाद गलूं मंदिर से छह किलोमीटर पैदल ट्रैकिंग करते हुए पहले पड़ाव त्रियुंड में पहुंचना होता है, जिसके बाद चार किलोमीटर का पैदल सफर करके स्नोलाइन से होते हुए दूसरे पड़ाव लाका तक पहुंचना होता है। इसके बाद धौलाधार के पहाड़ का कठिन रास्ता शुरू हो जाता है। डेढ़ से दो किलोमीटर का सफर करके तीसरे पड़ाव ल्हासा कैब में भक्तजन पहुंचते हैं। वहीं दूसरे दिन सुबह की इंद्रहारा पास से गुजरते हुए धौलाधार पहाड़ की चोटी पर पहुंचकर दूसरी तरफ उतरना होता है। पहाड़ के दूसरी तरफ भी दो से तीन किलोमीटर पहाड़ी रास्ते से गुजर कर भक्तजन नाग डल में अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचते हैं। लम डल बेस से फिर काली डल और लम डल में पहुंचकर यात्रा का अंतिम पड़ाव पहुंचकर श्रद्धा की डुबकी लगाते है।
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