वन्य जीवों की रक्षा करेंगे पूर्व सैनिक

By: Sep 14th, 2018 12:02 am

उत्तराखंड में कार्बेट पार्क  में जांबाजों ने यूपी से सटी सीमा पर चलाया विशेष अभियान

नैनीताल— उत्तराखंड में बाघों की ऐशगाह कहे जाने वाले नेशनल जिम कार्बेट पार्क में बाघों एवं वन्य जीवों की सुरक्षा भारतीय सेना के पूर्व जवानों ने अपने हाथ में ले ली है। विशेष बाघ संरक्षण बल (एसटीपीएफ) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे संवेदनशील क्षेत्र में विशेष अभियान चलाया। एसटीपीएफ के प्रभारी संजय पांडे ने बताया कि सीटीआर में बाघों एवं वन्य जीवों की सुरक्षा अभी तक वन विभाग के फारेस्ट गार्डों एवं फारेस्टरों के हवाले थी। उच्च न्यायालय के आदेश पर एसटीपीएफ की तैनाती की गयी है। एटीपीएफ में पूर्व सैनिकों को शामिल किया गया है। अभी हाल ही में 45 पूर्व सैनिकों को तैनात किया गया है। एसटीपीएफ के जवानों को कार्बेट पार्क (सीटीआर) के चार रेंजों- ढेला, झिरना, बिजरानी एवं कालागढ़ में तैनाती किया गया है। श्री पांडे के अनुसार बाघों एवं वन्य जीवों को लिये सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र कार्बेट पार्क की दक्षिणी सीमा है। सीटीआर की इस सीमा से उत्तर प्रदेश के गांव सटे हुए हैं। इन क्षेत्र से सबसे अधिक अवैध शिकार की संभावना बनी रहती है। बरसात में सीटीआर के बंद रहने एवं पर्यटकों की कम आवाजाही के चलते इस समय में बाघों एवं वन्य जीवों को सबसे अधिक खतरा रहता है। इसलिये गुरुवार को एसटीपीएफ ने इस क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर संदिग्ध लोगों को संदेश दिया। एसटीपीएफ एवं वन विभाग के लगभग 80 जवानों ने पूरे क्षेत्र में गश्त की। एक दल ने आमडंडा से कालागढ़ और दूसरे दल ने कालागढ़ से पाखरौ की सीमा में गश्त की। गश्ती दल में शिकारियों का पता लगाने के लिए दो ड्रोन एवं तीन सदस्यीय श्वान दस्ता भी शामिल थे। उत्तर प्रदेश के अमानगढ़ एवं साहूवाला क्षेत्र पर विशेष नजर रखी गयी है। घने जंगलों में ड्रोन के माध्यम से नजर रखी गई। सीटीआर के निदेशक राहुल ने इस अभियान को सुबह हरी झंडी दिखायी। श्री राहुल ने बताया कि पूर्व सैनिकों वाली एसटीएफ ने इस विशेष अभियान के तहत सीटीआर की दक्षिणी सीमा पर लगभग 90 किलोमीटर गश्त की। उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीटीआर प्रशासन ने अभी हाल ही में पूर्व सैनिकों से सुसज्जित एसटीपीएफ का गठन किया है। आधुनिक हथियारों वाली एसटीपीएफ में चालीस साल के उम्र्र के 45 पूर्व सैनिक जवानों को तवज्जो दी गई है।


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