शहर से ज्यादा गांवों में बसते हैं प्रदेश के लोग

By: Sep 9th, 2018 12:06 am

हिमाचल प्रदेश गांवों का प्रदेश है। 90 प्रतिशत के लगभग जनता गांवों में बसती है। शहरों में दस प्रतिशत लोग ही बसते हैं। उनमें से अधिकतर जीविका उपार्जन हेतु शहरों में गांवों के लोग ही होते हैं। लाहुल-स्पीति जिला की शत-प्रतिशत जनसंख्या ग्रामवासी है। प्रदेश की जनसंख्या का अधिकांश भाग शिवालिक की पहाडि़यों के साथ-साथ या बाह्य हिमालय के क्षेत्र में बसता है। जैसे-जैसे पहाड़ ऊपर उठते जाते हैं, जनसंख्या का घनत्व घटता जाता है…

हिमाचल प्रदेश देशभर में अपनी अलग ही विशिष्टता रखता है, जिसका प्रमुख कारण प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और लोगों की सांस्कृतिक जीवन को सुरक्षित रखने का प्रयास है। प्रदेश में पाई जाने वाली विभिन्न जनजातियों का अपना एक इतिहास है, जिसका वर्णन हमारे धर्म ग्रंथों में मिलता है।

हिमाचल प्रदेश गांव का प्रदेश है। 90 प्रतिशत के लगभग जनता गांवों में बसती है। शहरों में दस प्रतिशत लोग ही बसते हैं। उनमें से अधिकतर जीविका उपार्जन हेतु शहरों में गांवों के लोग ही होते हैं। लाहुल-स्पीति जिला की शत-प्रतिशत जनसंख्या ग्रामवासी है। प्रदेश की जनसंख्या का अधिकांश भाग शिवालिक की पहाडि़यों के साथ-साथ या बाह्य हिमालय के क्षेत्र में बसता है। जैसे-जैसे पहाड़ ऊपर उठते जाते हैं, जनसंख्या का घनत्व घटता जाता है। इस समय (जनगणना 2011 के अनुसार) जनसंख्या घनत्व 123 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।

जातियां : प्रदेश के ऊपरी भाग के लोग हिमाचल प्रदेश में बसने वाले लोगों से प्राचीनतम हैं। कोली, हाली, चनाल, रेहाड़, लुहार, बाढी, डागी, ढाकी और  तुरी आदि जाति के लोग हिमाचल के मूल निवासी माने जाते हैं और उनके साथ खशों या खसों और कुनैतों को भी हिमाचल के पुराने निवासी माना जाता है। खश या कुनैत अपने आपको राजपूत मानते हैं।

इन ऊपर नामांकित जातियों के अतिरिक्त हिमाचल में बसने वाले लोगों की जातियां हैं… ब्राह्मण, राजपूत, मियां जो अपने आपको खशों/कुनैतों से उच्च वंशीय मानते हैं और (जिनकी मुख्य उपजातियां, चंदेल, सेन, कटोच, मिन्हास, पठानिया, रणौत, पटियाल, जसवाल आदि हैं), खत्री, घिरथ आदि हैं। हरिजन या अनुसूचित माने जाने वाली जातियां हैं चमार, जुलाहे डूमणे, तरखान छिंबे, चुहड़े आदि। इसके अतिरिक्त कुछ एक जातियां जो पेशे के कारण ही पनपी हैं… घुमार, झीवर और नाई आदि हैं।

धर्म : हिमाचल प्रदेश की 96 प्रतिशत के लगभग जनसंख्या हिंदू धर्मानुयायी इसके अतिरिक्त इस्लाम, बुद्ध, सिख, ईसाई और जैन धर्मों के अनुयायी भी प्रदेश में बसते हैं।

कबीले : इसके अतिरिक्त प्रदेश में कुछ ऐतिहासिक कुनवे हैं। ये कबीले हिंदू या बौद्ध धर्मों के अनुयायी हैं। इनमें केवल मुस्लिम गुज्जर ही मुस्लिम धर्म को मानते वाले हैं। इन कबीलों या जनजातियों में शामिल हैं- किन्नर, गद्दी, पंगवाल, लहौले व स्पीतन।

मुसलमान : मुसलमानों की संख्या भी प्रदेश में काफी है। गुज्जर, संभवतः ‘हून’ जाति से संबंध रखते हैं। इनसे संबंधित प्रथम सूचना हमें आठवीं शताब्दी के उपरांत ही मिलती है। ये लोग परिश्रमी, सच्चे तथा बहादुर होते हैं।                                                            — क्रमशः

 


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