सत्यरूप सिद्धांत ने रचा इतिहास

By: Sep 16th, 2018 12:05 am

भारतीय पर्वतारोही ने ज्वालामुखी माउंट दामावंद पर फहराया तिरंगा

नई दिल्ली— भारतीय पवर्तारोही सत्यरूप सिद्धांत और मौसमी खातुआ ने एशिया के सबसे ऊंचे और ईरान स्थित ज्वालामुखी पर्वत माउंट दामावंद पर तिरंगा फहराकर इतिहास रच दिया। सत्यरूप यह उपलब्धि हासिल करने वाले चौथे भारतीय बन गए हैं। गौरतलब है कि बचपन में सत्यरूप अस्थमा से पीडि़त थे, जो इनहेलर से एक पफ लिए बिना 100 मीटर भागने में भी हांफ जाते थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपने जुनून और बुलंद हौसले के दम पर सात चोटियों की चढ़ाई को सफलतापूर्वक पूरा किया। वह सात सबसे ऊंची पर्वत चोटियों और सात ज्वालामुखी पर्वतों को फतह करने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के व्यक्ति होंगे। बंगाल में नदिया जिला के कल्याण की रहने वाली 36 साल की मौसमी खाटुआ ने भी सत्यरूप के साथ एशिया के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी शिखर पर चढऩे का रिकार्ड बनाया। पर्वतारोही अभियान दल में तीन सदस्य सत्यरूप, मौसमी और भास्वती चटर्जी शामिल थे। यह तिकड़ी छह सितंबर की सुबह ईरान के लिए रवाना हुई थी। दस सितंबर की सुबह इस टीम ने छह बजे सुबह ईरान में माउंट दामावंद की चढ़ाई शुरू की।  35 साल के सत्यरूप जनवरी 2019 में तीन अन्य ज्वालामुखी पर्वत शिखरों की चढ़ाई करेंगे। एक अनुभवी पर्वतारोही होने के अलावा सत्यरूप प्रतिष्ठित विश्व रिकार्ड बनाने की कगार पर है।


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