हमीरपुर की गलियों-सड़कों पर जरा बचके

By: Sep 17th, 2018 12:10 am

शहर में राहगीरों-दोपहिया चालकों पर झपट रहे कुत्ते, नियंत्रण खोने से हो रहे घायल

हमीरपुर  —शहर की सड़कें कुत्तों की सैरगाह बनती जा रही हैं। रात होते ही सड़कांे पर घूमने वाले आवारा कुत्ते और भी खूंखार हो जाते हैं। आलम यह है कि ये किसी पर भी झपट पड़ते हैं। इनका निशाना अकसर दोपहिया वाहन चालक रहते हैं। कई बार इनकी झपट से दोपहिया वाहन चालक अनियंत्रित होकर गिरे हैं।  इतना ही नहीं, चौराहों पर आवारा कुत्तों की टोली से हर किसी को बचकर निकलना पड़ता है। समस्या कितनी विकराल है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि डा. राधाकृष्णन मेडिकल कालेज अस्पताल हमीरपुर में प्रतिदिन कुत्तों के काटने से पीडि़त औसतन चार से पांच लोग एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए आ रहे हैं। इसकी पुष्टि एमएस डा. अनिल वर्मा ने की है। उल्लेखनीय है कि कुत्तों की नसबंदी को लेकर कई अभियान चलाए जाने के बावजूद इनकी संख्या कम होने की जगह बढ़ रही है। आलम यह है कि जिला भर में लोग इन आवारा कुत्तों का शिकार हो रहे हैं। हमीरपुर अस्पताल में हर माह औसतन सौ मामले कुत्तों के काटने के सामने आ रहे है। अगस्त माह में जिला अस्पताल में आवारा कुत्तों के काटने के करीब 90 नए मामले सामने आए है। वहीं, इस माह की बात करें तो अब तक डॉग बाइट के करीब एक दर्जन नए लोग इंजेक्शन लगवा चुके है। डा अनिल वर्मा ने बताया कि डॉग बाइट के साथ-साथ बंदरों, चूहों व बिल्लियों के काटने के भी मामले आए रहे हैं।

जिला भर में 11 हजार आवारा कुत्ते

पूरे जिला में 11 हजार के करीब आवारा कुत्ते पशुपालन विभाग के पास पंजीकृत है, बाकी बिना पंजीकृत के है। ये आवारा कुत्ते मौका पाते लोगों को अपना शिकार बनाते हैं।


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