हर साल बढ़ रहा सर्पदंश का प्रकोप

By: Sep 30th, 2018 12:20 am

जीवीके ईएमआरआई 108 एंबुलेंस के सर्वे में खुलासा

 सोलन  —हिमाचल प्रदेश में सर्पदंश के मामलों में वर्ष दर वर्ष वृद्धि हो रही है। यह खुलासा जीवीके ईएमआरआई द्वारा किए गए सर्वे में हुआ है। इस सर्वे के अनुसार वर्ष 2011 से वर्ष 2018 तक सर्पदंश के आंकड़े लगभग दोगुने हो चुके हैं। हालांकि इन मामलों में जीवीके ईएमआरआई 108 एंबुलेंस द्वारा सफलतापूर्वक प्राथमिक उपचार प्रदान कर मरीजों को सुरक्षित अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस सर्वे के अनुसार वर्ष 2011 में 476 मामले सर्पदंश के दर्ज किए गए थे। वहीं, वर्ष 2012 में 487, वर्ष 2013 में 571, वर्ष 2014 में 728, वर्ष 2015 में 790, वर्ष 2016 में 878, वर्ष 2017 में 783 और वर्ष 2018 में अगस्त तक 427 सर्पदंश के मामले सामने आए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में जून माह से नवंबर माह तक सबसे अधिक सर्पदंश के मामले घटित होते हैं। 10 दिसंबर 2010 से लेकर मौजूदा समय तक प्रदेश में कुल 5140 सर्पदंश के शिकार हुए हैं। इनमें 46 प्रतिशत पुरुष व 54 प्रतिशत महिलाएं हैं। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो 79 फीसदी सर्पदंश के मामले सुबह 9 बजे से रात 11 बजे के बीच होते हैं। 37 फीसदी सर्पदंश के शिकार 31-50 वर्ष की आयु तक के व्यक्ति होते हैं। 108 एंबुलेंस सेवा ने अपने कार्यकाल के दौरान 2100 प्रदेशवासियों का अनमोल जीवन बचाया है। जीवीके ईएमआरआई 108 एंबुलेंस, स्टेट हैड मेहुल सुकुमारन ने बताया कि विषैले सांपों के काटे जाने पर रोगी को समय पर एंटी वेनम इंजेक्शन लग जाए तो रोगी को बचाया जा सकता है। लोग झाड़-फूंक में समय बर्बाद कर देते है। सांप की 70 प्रतिशत प्रजातियां विष रहित होती हैं लेकिन जो अन्य 30 प्रतिशत प्रजातियां हैं वह बहुत ही विषैली होती है

जिलावार आंकड़ा

प्रदेश के विभिन्न जिलों में सर्पदंश के जो मामले सामने आए हैं उनमें कांगड़ा 1162, सोलन 621, मंडी 586, हमीरपुर 548, शिमला 500, चंबा 461, बिलासपुर 387, सिरमौर 378, ऊना 290, कुल्लू 169, किन्नौर 36 और लाहुल स्पिति में 2 शामिल है।


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