35 वर्ष बाद वामन द्वादशी-मुहर्रम एक साथ
नाहन—सिरमौर जिला के मुख्यालय नाहन के लिए शुक्रवार का दिन एक ऐतिहासिक दिन बन गया। करीब 35 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद नाहन शहर मंे हिंदू मुस्लिम आपसी एकता का एक ऐसा नमूना देखने को मिला जिसमें एक साथ हिंदू जहां नाहन में वामन द्वादशी का पर्व मना रहे थे, वहीं मुस्लिम बुराई पर अच्छाई की विजय मुहर्रम के पर्व मंे मशगूल थे। एक ओर जहां मुहर्रम के अवसर पर शहर मंे चार ताजिये निकल रहे थे तो वहीं दूसरी ओर वामन द्वादशी के अवसर पर नाहन शहर के विभिन्न मंदिरों से हिंदू समाज के लोग पालकियों को कंधों पर सवार होकर शहर की परिक्रमा करने निकले। दोनों ही समुदाय के साथ सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल थे। शुक्रवार को नाहन शहर में हिंदू मुस्लिम एकता व सांप्रदायिक सद्भावना की अनोखी मिसाल देखने को मिली। शहर के लोगों का कहना है कि 35 वर्ष बाद ऐसा अवसर आया है जब हिंदू मुस्लिम समुदाय के लोगों के दो पर्व एक साथ मनाए जा रहे हैं। मुहर्रम इस्लामिक केलेंडर की दस तारीख हजरत हुसैन की याद को ताजा करती है जिन्होंने एक अत्याचारी बेइंसाफ शासक के प्रति नैतिकता व इंसाफ की लड़ाई लड़ते हुए अपने परिवार के 72 सदस्यों के साथ शहीद हो गए थे। उनकी याद में पूरा विश्व उन्हें याद कर रहा है। ऐसे मंे स्पष्ट है कि नाहन शहर में मुस्लिम समुदाय पूरे विश्व में एक अमन आपसी भाईचारा व सांप्रदायिक सद्भावना की मिसाल पेश करता है। इस अवसर पर शुक्रवार को सुबह मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोग नाहन शहर के बड़ा चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर में गए तथा देवताओं की पालकियों को पुष्प मालाएं व फल चढ़ाए। इस अवसर पर हिंदू समुदाय के लोगों ने मुस्लिम समुदाय के लोगांे का भव्य स्वागत किया। ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के प्रदेश अध्यक्ष नसीम मोहम्मद दीदान के अलावा जावेद अली, जावेल अंसारी, सलीम अहमद, अख्तर अली, सलामदीन, शौकत अली, यामिन मोहम्मद, अशरफ, अकेवरजा, अबीब शेख आदि समेत सैकड़ों की संख्या मंे मुस्लिम लोग वामन द्वादशी मेले के अवसर पर निकलने वाली पालकियों के स्वागत को पहुंचे। नाहन शहर के बड़ा चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, रानीताल स्थित शिव मंदिर, बस स्टैंड स्थित रघुनाथ मंदिर, हिंदू आश्रम स्थित राधा कृष्ण मंदिर, मियां मंदिर, नौणी का बाग आदि मंदिर से पालकियों को सजाकर सैकड़ों श्रद्धालु पहले बड़ा चौक मंे एकत्रित हुए। उसके पश्चात पालकियों को एसडीएम नाहन विवेक शर्मा ने रवाना किया। पालकियां हिंदू आश्रम से होते हुए कालीस्थान मंदिर से महलात की घाटी स्थित खेड़ा महाराज मंदिर मंे पहुंची, जहां से मुख्य बाजार से होते हुए बैंडबाजों के साथ पालकियां देर शाम ऐतिहासिक पक्का तालाब पहुंचाई गई। इस दौरान सैकड़ों की संख्या मंे श्रद्धालुओं ने पालकियों का स्वागत किया। इसके अलावा मुहर्रम पर भी ताजिये बेहद ही आकर्षक अंदाज मंे निकाले गए, जिसमें गुन्नूघाट, हरिपुर मोहल्ला, रानीताल व कच्चा टैंक से चार ताजिये मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों के बीच कच्चा टैंक स्थित मस्जिद तक पहुंचे।
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