चार प्रोजेक्टों के लिए चाहिए फंड
शिमला —राज्य बिजली बोर्ड चंबा जिला की चार परियोजनाओं के लिए केएफडब्ल्यू से बातचीत करने के बाद अब अन्य चार परियोजनाओं के लिए फंडिंग एजेंसी ढूंढ रहा है। जानकारी के अनुसार इन चार प्रोजेक्टों के लिए नाबार्ड, एडीबी व केएफडब्ल्यू से बातचीत भी शुरू हो गई है। बोर्ड को उम्मीद है कि जल्द मामला आगे बढ़ेगा और उसकी शेष बची चार परियोजनाएं भी सिरे चढ़ सकेंगी। बोर्ड के पास यह प्रोजेक्ट काफी समय से पड़े हैं परंतु इनके लिए वित्तीय मदद नहीं मिल रही। खुद बिजली बोर्ड की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह अपने बूते प्रोजेक्टों का निर्माण कर सके। ऐसे में उसने तीन फंडिंग एजेंसियों से मामला उठाया है। बताया जाता है कि बोर्ड अपने रायसन, टिक्कर, कुठाड़ व न्यू नोगली प्रोजेक्टों के लिए वित्तीय मदद हासिल करना चाहता है। रायसन परियोजना कुल्लू जिला में है जो कि 18 मेगावाट क्षमता का आंका गया है। इसके साथ टिक्कर 5 मेगावाट व कुठाड़ 5 ेमेगावाट, जो कि जोगिंद्रनगर में ऊहल के साथ प्रस्तावित है। वहीं न्यू नोगली शिमला जिला में प्रस्तावित है जो कि 9 मेगावाट का है। बता दें कि फंडिंग एजेंसी नाबार्ड ने अभी विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में हाथ नहीं डाला है, जबकि केएफडब्ल्यू व एडीबी यहां पर कई प्रोजेक्टों को वित्तीय मदद प्रदान कर रहा है। अभी उसके पास चार और प्रोजेक्ट चंबा जिला में है जिनके लिए केएफडब्ल्यू से फंडिंग का मामला लगभग आखिरी चरण में है। इन प्रोजेक्टों में साईकोठी-एक, साईकोठी-दो, हेल व देवीकोठी के नाम शामिल हैं, जिन पर इन्वेस्टीगेशन का काम भी हो चुका है। इन परियोजनाओं के लिए कंसलटेंट भी जर्मन बैंक द्वारा लगाए गए हैं जिन्होंने फिजीबिलिटी रिपोर्ट दी है अभी कंसलटेंसी की रिपोर्ट अगले साल तक सौंपेंगे। उनकी रिपोर्ट पर अध्ययन के बाद फंडिंग का मामला आगे बढ़ेगा।
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