चुनावों को फिर त्रिदेव की शरण में भाजपा

By: Oct 4th, 2018 12:01 am

धर्मशाला – लोकसभा चुनाव-2019 के लिए मिशन चार का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरने की तैयारी कर रही प्रदेश भाजपा एक बार फिर से अपने त्रिदेव की शरण में जाएगी। इस बार पन्ना प्रमुखों के सम्मेलन किए जाएंगे, साथ ही नए मतदाताओं को जोड़ने के लिए भी स्पेशल ड्राइव चलाई जाएगी। बूथ पालक, बूथ अध्यक्ष और बीएलए सहित पन्ना प्रमुख जैसे ग्रास रूट के कार्यकर्ताओं के बूते राज्य की सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी भले ही सत्ता में आने के बाद इनसे अधिक संपर्क नहीं कर पाई हो, लेकिन लोकसभा चुनावों के लिए उन्हें याद करने की योजना तैयार हो गई है। इसके लिए हिमाचल भाजपा का संगठन बुधवार से पालमपुर में जुट गया है। प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती और संगठन महामंत्री पवन राणा सहित सांसद शांता कुमार व जिले के तीन मंत्री और कांगड़ा-चंबा के अन्य नेता इस वर्ग में भाग ले रहे हैं। इसी वर्ग में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बनाई गई रणनीति का पूरा खाका तैयार किया जाएगा। अपना बूथ सबसे मजबूत इस नारे को भाजपा नेताओं पदाधिकारियों को एक बार फिर रटाया जाएगा। प्रदेश भाजपा ने इसका खाका तैयार कर लिया है। अब पार्टी इस मुहिम को एक बार फिर से धरातल पर ले जाने के लिए कांगड़ा-चंबा के नेताओं व पदाधिकारियों को अभ्यास वर्ग में प्रशिक्षण दे रही है। भले ही अभी तक बीजेपी शांता कुमार के उत्तराधिकारी का नाम तय नहीं कर पाई है, लेकिन चुनाव लड़ने के लिए बूथ स्तर पर मोर्चाबंदी की जा रही है। पार्टी अध्यक्ष सतपाल सत्ती व पवन राणा की जोड़ी विधानसभा की तर्ज पर बूथ को मजबूत करने का संकल्प तो दिलाने की तैयारी कर रही है, लेकिन सत्ता में होने के बाबजूद कांगड़ा चंबा के कार्यकर्ताओं में संतुलन बनाना पार्टी के समक्ष बड़ी चुनौती है। हालांकि अभी तक भाजपा ने कई अहम पद खाली रखकर लड्डू सामने पड़ा होने का लालच तो कार्यकर्ताओं को दिखा रखा है, लेकिन गरमागरम सियासी लड्डू समय पर न मिलने से कई कार्यकर्ताओं में नाराजगी भी है। ऐसे में अब बीजेपी सरकार में ओहदा न मिल पाने वाले नेताओं व पार्टी पदाधिकारियों को किस तरह मैनेज कर पाती है, यह बड़ा सवाल है। सत्ता में होने के बाबजूद कांगड़ा जिला के तमाम बड़े मुद्दों पर काम न होने से भी कार्यकर्ताओं में निराशा है।


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