नरसिंह भगवान की शाही जलेब

By: Oct 21st, 2018 12:10 am

राजा की चानणी से हुआ आगाज, महाराजा कोटी के देवी-देवताओं ने लिया भाग

कुल्लू—सबसे बड़े देव समागम एवं अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दूसरे दिन भगवान नरसिंह की भव्य जलेब निकली। इस जलेब में महाराजा कोटी के देवी-देवताओं ने भाग लिया। शाही अंदाज में राजा की चानणी से चौथ पैहरा वेला पर जलेब शुरू हुई और एक घंटे की ढालपुर की परिक्रमा कर जलेब पुनः चानणी के पास पहुंची। शाम के सवा चार बजे का समय आगे-आगे नरसिंह भगवान की घोड़ी और उसके पीछे देवरथों के साथ भगवान नरसिंह की पालकी निकली। जिसमें भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह बैठे थे। ढोल नगाड़ों की थाप पर लोगों के दुख निवारण करने के लिए परिक्रमा हुई। यह परिक्रमा अगले दिनों भी जारी रहेगी। पहले दिन महाराजा कोठी के देवी-देवताओं ने भाग लिया। जिसमें जम्दिनी ऋषि पीज, कैलावीर कमांद, कैलावीर, हुरगू काली नारायण जोंगा, महावीर जोंगा, पांचवीर खलियाणी ने भाग लिया। इस दौरान भारी संख्या में लोगों ने नरसिंह का आशीर्वाद लिया। राज परिवार के मुख्य एवं भगवान रघुनाथ के छड़ीबदार महेश्वर सिंह ने साढ़े तीन शताब्दियों से चली रही परंपरा का निर्वाह करते हुए देवी-देवताओं बाध्य यंत्रों की धुनों के साथ इस जलेब से पूरे ढालपुर की परिक्रमा की और अंत में राजा के चानणी के पास इस जलेब का समापन हुआ। रघुनाथ जी के छड़ीबरदार राजा की पोशाक में जलेब की शोभा बढ़ाते हैं। जनश्रुति के अनुसार राजा की रियासत के समय कई महत्त्व के कारण यह जलेब निकाली जाती थी। भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में निकलने वाली जलेब यात्रा एक सुरक्षा घेरा है। हालांकि इसका विरोध भी होता रहा है। लेकिन देवी-देवताओं के आदेशों पर इस परंपरा का निर्वहन किया जाता है।


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