नहीं लेंगे चुनावी फैसले
आरबीआई की केंद्र को दो टूक; कहा, हम नहीं खेल सकते आपकी तरह 20-20
नई दिल्ली —ऐसे समय में जब मोदी सरकार संवैधानिक संस्थाओं के काम काम में दखलंदाजी के आरोपों का सामना कर रही है, रिजर्व बैंक ने भी मोदी सरकार को आंख दिखाई है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि हम आपकी तरह 20-20 मैच नहीं खेल सकते हैं। हम अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए टेस्ट मैच खेलते हैं और हर सेशन जीतने की कोशिश करते हैं। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा कि कि रिजर्व बैंक हमेशा लंबी अवधि में होने वाले फायदों को ध्यान में रख कर फैसले करता है जिससे कीमतें नियंत्रण रहें और देश में वित्तीय स्थिरता रहे। विरल आचार्य ने कहा है कि देश में रह समय कहीं न कहीं चुनाव चलते रहते हैं। ऐसे में सरकार ऐसे फैसले करती है जिससे उसे कम अवधि में फायदा हो। लेकिन रिजर्व बैंक टेस्ट मैच खेलता है और लंबी अवधि में होने वाले फायदों को ध्यान में रख कर फैसले लेता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो। विरल आचार्य के इस बयान को मोदी सरकार के काम काज के तौर पर तरीको पर हमला माना जा रहा है। विरल आचार्य ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को कम अवधि में फायदे देने वाले कदमों से बचाने के लिए रिजर्व बैंक को काम करने की पूरी आजादी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के काम काज में सरकार के सीधे हस्तक्षेत से उसकी स्वायत्तता पर असर असर पड़ता है और लंबी अवधि में देश को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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