नेरचौक कालेज को 30 ने दान दिया शरीर

By: Oct 20th, 2018 12:15 am

मंडी – लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज नेरचौक में तो 20 अक्तूबर से शुरू होगा, लेकिन ओपीडी शुरू होने से पहले मेडिकल कालेज को 30 देहदानी मिल चुके हैं। यह अपने आप में एक मिसाल है कि मेडिकल कालेज की नेरचौक स्थित बिल्डिंग में 20 अक्तूबर ओपीडी व आईपीडी शुरू होगी, लेकिन 30 लोग ऐसे हैं, जो मरणोपरांत मेडिकल कालेज के लिए अपना शरीर दान देंगे। इस कड़ी में हाल ही में 89 वर्षीय वयोवृद्ध मास्टर हीरा लाल व 32 वर्षीय पूजा का नाम भी जुड़ गया है। दोनों ने ही मेडिकल कालेज में देहदान के लिए आवेदन कर दिया है। अब तक मेडिकल कालेज को 30 के करीब देहदानी मिल चुके हैं। मंडी शहर के ही रहने वाले 89 वर्षीय मास्टर हीरा लाल का कहना है कि भगवान की कृपा से वह इस उम्र में स्वस्थ हैं। उनके शरीर के सभी अंग स्वस्थ हैं इसलिए वह अपना शरीर अनुसंधान के लिए देना चाहते हैं। हीरालाल ने कहा कि मुझे जीवित रहते हुए बहुत शांति मिली और मरने के बाद क्या होता है, यह तो किसी को पता नहीं, पर मेरे शरीर से किसी को लाभ मिलेगा, तो इससे बड़ी बात नहीं हो सकती। इसके अलावा मंडी शहर की ही पूजा (32) ने आवेदन दिया है। पूजा ने बताया कि उसके माता-पिता का देहांत बीमारी के कारण हो गया है और अब उन्होंने अपनी देह को समाजसेवा के लिए दान करने का फैसला लिया है। पूजा का कहना है कि उन्हें सकून महसूस होगा, जब उनका शरीर मरने के बाद भी किसी के काम आ पाएगा। गौरतलब हो कि डाक्टरी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए अनुसंधान के लिए मृत शरीरों की आवश्यकता रहती है। इसके लिए लोगों को पहले शिमला या चंडीगढ का रुख करना पड़ता था, लेकिन अब यह सुविधा मेडिकल कालेज नेरचौक में मिलने से लोगों को भी देहदान करने में आसानी रहेगी। बहरहाल मंडी में लोगों के देहदान करने से यहां पढ़ाई करने वालों भावी डाक्टरों को फायदा होगा।

कई दंपति भी कर चुके हैं देहदान

मेडिकल कालेज नेरचौक में कई दंपति भी देहदान कर चुके हैं। मंडी में जागरूकता के चलते यह संभव हो रहा है। मरोणपरांत क्रिया-करम से दूर लोग अब सामाज की भलाई में सहयोग देने के बारे में सोच रहे हैं। यह पहल काफी सकारात्मक है।


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