नेशनल हाई-वे नहीं, तो बूम बैरियर भी नहीं

By: Oct 20th, 2018 12:01 am

अपने ही फैसले से पलटी राज्य सरकार, एनएच बनने के बाद ही होगा विचार

शिमला – जब तक प्रदेश में प्रस्तावित नेशनल हाई-वे बनाने पर काम शुरू नहीं हो जाता, तब तक अब इन रास्तों पर बूम बैरियर भी नहीं लगेंगे। बूम बैरियर लगाने की घोषणा सरकार ने सत्ता में आने के बाद की थी और कहा था कि वन संपदा को बचाने के लिए इस तरह का कदम उठाया जाएगा। अब सरकार अपने ही फैसले से पलट गई है। बताया जाता है कि अभी बूम बैरियर नहीं लगाने को कहा गया है। क्योंकि यहां पर करीब 70 नेशनल हाई-वे प्रस्तावित हैं और सरकार चाहती है कि इन एनएच पर ही बूम बैरियर हों। अभी तक यहां नेशनल हाई-वेज की डीपीआर  तक नहीं बनी है, ऐसे में अब बूम बैरियर लगाने को भी सालों का इंतजार करना होगा। विभाग ने बूम बैरियर का खाका भी खींच लिया था, लेकिन अब इस फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। केंद्र सरकार ने हिमाचल के लिए 69 एनएच स्वीकृत कर रखे हैं। अभी इन सड़कों की डीपीआर बनाने तथा उसके लिए कंसल्टेंट तैनात करने की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। इस तरह से सभी सड़कोंकी डीपीआर बनने तथा एनएच नोटिफाई होने में अभी कई साल लग जाएंगे, लेकिन सरकार अब इसी का बहाना बनाकर बूम बैरियर लगाने को इनकार कर रही है। बूम बैरियर लगाने का मकसद अमूल्य वन संपदा को तस्करों से बचाना और वन क्षेत्रों से गुजरने वाले हर एक वाहन पर नजर रखना था। हिमाचल में कुल 2068 वन बीट हैं। इनमें से 593 बीट अति संवेदनशील और 822 संवेदनशील है। संवेदनशील और अति संवेदनशील बीटों में वन रक्षक भी अपनी ड्यूटी देने से कतराते हैं। खासकर वन रक्षक होशियार सिंह की हत्या, नाहन में वन कर्मियों पर गोली चलाने, कोटी रेंज में वन कर्मियों को माफिया की धमकी और चौपाल में सिडार ऑयल मामला सामने आने के बाद वन कर्मी ज्यादा असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ऐसे में बूम बैरियर लकड़ी तस्करी रोकने का सबसे अच्छा माध्यम माना जा रहा है, परंतु सरकार इसमें देरी कर रही है।


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