पंजों की पहचान से खतरा भांप लेंगे छात्र

By: Oct 1st, 2018 12:20 am

वाइल्ड लाइफ लकड़ी के बोर्ड पर निशान उकेर कर स्कूली बच्चों को करेगा जागरूक

 हमीरपुर —जंगल के रास्ते स्कूल पहुंचने वाले बच्चे अब खूंखार जानवरों के पंजों से उनकी पहचान कर सकेंगे। स्कूलों में खूंखार जानवर के पंजों के निशान की पहचान करवाने की तैयारी हो रही है, ताकि बच्चे पंजों का निशान देख आने वाले खतरे को भांप सकें। जानलेवा जानवरों के पंजों के डिजाइन लकड़ी के बोर्ड पर तैयार करवाए जा रहे हैं। इसके बाद इन बोर्ड्स को स्कूलों में ले जाकर पंजों की सही पहचान करवाई जाएगी। लगातार जंगली जानवरों के खूंखार होने के कारण यह निर्णय लिया गया है। वाइल्ड लाइफ विभाग इस कार्य में जुट गया है। कई जानवरों की पहचान के लिए पंजों के डिजाइन तैयार भी कर लिए गए हैं। लकड़ी के बोर्ड पर खूंखार जानवर की तस्वीर के साथ इसके पंजों को उकेरा जा रहा है।   नगरोटा सूरीयां प्रीटेशन सेंटर में इन्हें स्थापित किया जाएगा। यहां आने वाला हर व्यक्ति पंजों से जानवरों की पहचान सीख सकता है। फिलहाल प्राथमिक चरण में कई जानवरों के पंजों का डिजाइन तैयार किया जा रहा है। इनमें लैपर्ड, लोमड़ी, सूअर, भालू सहित अन्य जंगली जानवरों को शामिल किया गया है। जाहिर है कि लोगों को जंगली जानवर की पहचान सामने आने के उपरांत ही होती है। कई बार खूंखार जंगली जानवर लोगों पर हमला कर देते हैं। प्रदेश में कई ऐसे मामले हो चुके हैं, जब खूंखार जानवर मनुष्य के लिए खतरा बने हैं। इनमें सबसे ज्यादा खूंखार तेंदुआ व भालू हैं। अकसर बच्चे जंगली क्षेत्र से होकर अपने स्कूल पहुंचते हैं। ऐसे में जंगली क्षेत्र में खूंखार जानवर के हमले का खतरा बना रहता है। ऐसे में इन जानवरों की पहचान के लिए इनके पंजों के डिजाइन तैयार हो रहे हैं। इन डिजाइन को स्कूलों में जाकर बच्चों को दिखाया जाएगा। इसके साथ ही वन विभाग के कार्यालयों में इन्हें स्थापित किया जाएगा। पहचान होने के बाद पंजों का निशान देखकर ही लोग आने वाले खतरे को भांप जाएंगे। खतरे का पता लगने के बाद इससे निपटने का पहले ही प्रबंध कर सकते हैं।


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