पड़ाहा-दभाड़ा-खलांजी गांव में पानी की किल्लत

By: Oct 22nd, 2018 12:05 am

नैनाटिक्कर  —नैनाटिक्कर पंचायत पच्छाद विधानसभा क्षेत्र की एक महत्त्वपूर्ण पंचायतों में से एक है, परंतु यहां के गांवों में विकास तो दूर मूलभूत सुविधाएं भी ग्रामीणों को मुहैया करवाने में सरकारें विफल रही है। जी, हां हम बात कर रहे हैं शोगी-छकड़ोग उठाऊ पेयजल योजना के अंतर्गत आने वाले गांवों पड़ाहा, दभाड़ा, खलांजी, ज्योल तथा बड़ीभूं की, जहां स्वास्थ्य, शिक्षा तथा अन्य मूलभूत सुविधाएं तो दूर, परंतु पीने के पानी के लिए भी इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। गौर हो कि शोगी-छकड़ोग उठाऊ पेयजल योजना का उद्घाटन 29 जून, 2017 को तत्त्कालीन हिमाचल प्रदेश योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर द्वारा लगभग 46 लाख रुपए की लागत से किया गया था, जिससे पड़ाहा, दभाड़ा, खलांजी, ज्योल आदि गांव मंे पानी की आपूर्ति की जानी थी, परंतु कैसी विडंबना है कि उद्घाटन के एक साल बाद भी इन गांव में पानी की बूंद तक इस योजना के अंतर्गत नहीं आई है। इन गांवों के ग्रामीणों शिवेंद्र सेवल, यशपाल, इंद्र दत्त, निशा, सुलेखा, हरकेश, प्रवीण, रितु, जगदीश तथा प्रेम सिंह आदि का कहना है कि शोगी-छकड़ोग उठाऊ पेयजल योजना के अंतर्गत दो-दो बार पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है तथा उद्घाटन भी किया जा चुका है, परंतु उद्घाटन के एक साल से भी अधिक समय बाद भी पानी की एक बूंद तक नहीं आई है, जबकि आईपीएच विभाग के कर्मचारियों सहित आला अधिकारियों को भी ग्रामीणों द्वारा शिकायत भेजी जा चुकी है, परंतु अभी तक कोई भी सुध विभाग ने नहीं ली है, जिस कारण आंगनबाड़ी सहित पड़ाहा स्थित प्राथमिक पाठशाला के बच्चों तथा गांवों के सैकड़ों बाशिंदों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है तथा नालों अथवा खड्डों का दूषित पानी पीकर गुजारा करना पड़ रहा है। ग्रामीणों में, जहां एक ओर आधे-अधूरे उद्घाटन के प्रति आक्रोश है, वहीं दूसरी ओर आईपीएच विभाग के प्रति भारी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द इन गांवों को पानी की सप्लाई दी जाए अन्यथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को शिकायत पत्र भेजकर समस्या से अवगत करवाया जाएगा, जिसका जिम्मेदार विभाग स्वयं होगा। बहरहाल बात चाहे आधे-अधूरे उद्घाटन की हो चाहे विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली की परंतु सैकड़ों ग्रामीणों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है, जिसकी जिम्मेदारी सरकार तथा विभाग दोनों को लेनी होगी। उधर, इस संबंध में जब आईपीएच विभाग के नाहन स्थित कार्यालय मंे अधिशाषी अभियंता मनदीप गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह समस्या उनके संज्ञान में नहीं आई है। उधर आईपीएच विभाग के कनिष्ठ अभियंता सुमेंद्र ठाकुर से बात की गई तो वह भी इस समस्या के बारे में कुछ नहीं बता पाए। ऐसे में समस्या का समाधान कब होगा यह एक सोचने योग्य बात है तथा, जो कि विभाग के कार्य क्षमता पर कई सवालिया निशान खड़े कर रहा है।


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