पहला-दूसरा नवरात्र एक साथ, 18 को होगी नवमी
नालागढ़-10 अक्तूबर से शुरू हो रहे मां दुर्गा के शारदीय नवरात्र को लेकर, जहां मंदिर सज चुके हैं और मां के भक्त नवरात्र में व्रत रखने के लिए आतुर बैठे हैं, वहीं पहला व दूसरा नवरात्र एक साथ बुधवार को आ रहा है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक पहला नवरात्र सुबह 7ः26 बजे तक रहेगा और इसके उपरांत दूसरा नवरात्र पूरा दिन रात तक रहेगा। इस लिहाज से 18 अक्तूबर को शाम 3ः29 मिनट तक नवमी रहेगी और उसके उपरांत दशमी शुरू होगी, जो कि शाम 5ः58 बजे तक रहेगी। इसके अनुसार रावण दहन का समय नवमी के दिन 18 अक्तूबर को शाम में ही हो सकेगा। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि नौ अक्तूबर को कलश स्थापना नहीं हो सकेगी, क्योंकि नौ अक्तूबर को सुबह 9ः16 बजे तक अमावस्या समाप्त हो जाएगी और इसके बाद प्रतिपदा लग जाएगी, जो आगामी दिन दस अक्तूबर को सुबह 7ः25 बजे तक रहेगी। कलश की स्थापना शुक्ल प्रतिपदा को की जाती है और ऐसे में जातक 10 अक्तूबर को सुबह 7ः25 बजे कलश स्थापना कर सकते है और यही समय कलश स्थापना के लिए सबसे शुभ समय होगा। जानकारी के अनुसार इस बार के शारदीय नवरात्र को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां लोगों के मन में है, जिसका निवारण करने के लिए ज्योतिषाचार्यों की मद्द ली जा रही है। नवरात्र में मां दुर्गा के पहले स्वरूप में शैलपुत्री, दूसरे दिन दुर्गाजी के ब्रहमचरिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी व नौवें दिन सिद्धिदात्री मां की पूजा अर्चना की जाती है। पे्रम ज्योतिष संस्थान नालागढ़ के पंडित प्रेम शर्मा ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार अमावस्यायुक्त शुक्ल प्रतिपदा मुहूर्त में कलश स्थापित करना वर्जित होता है, इसलिए नौ अक्तूबर को नहीं, 10 अक्तूबर को कलश स्थापना होगी।
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