विद्युत निगम से खिसकेंगे छह प्रोजेक्ट
निजी क्षेत्र को देने पर विचार, निगम की सिर्फ दो परियोजनाओं में ही उत्पादन
शिमला – बिजली उत्पादन में लगी प्रदेश सरकार की एजेंसी पावर कारपोरेशन के हाथ से प्रोजेक्ट खिसकने वाले हैं। प्रदेश सरकार इसे लेकर गंभीर है और चाहती है कि इनसे प्रोजेक्ट वापस लेकर निजी कंपनियों को सौंपें जाएं। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में ऊर्जा मंत्री ने विभाग से पूछा है और ब्यौरा मांगा है, जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा। माना जा रहा है कि हिमाचल पावर कारपोरेशन लिमिटेड से प्रोजेक्ट वापस सरकार को जाएंगे, जिन्हें निजी क्षेत्र को दिया जाएगा। कारपोरेशन के पास कुल 22 परियोजनाएं हैं, जिनमें से अभी तक दो परियोजनाओं में ही उत्पादन शुरू हो सका है। इन प्रोेजेक्टों के अलावा तीन परियोजनाओं पर काम तेजी के साथ चल रहा है, जिनके लिए वित्तीय प्रावधान भी एशियन डिवेलपमेंट बैंक से हो चुका है। ऐसे में शेष बचे प्रोजेक्टों में से छह ऐसे हैं, जिन्हें सरकार वापस ले सकती है। बताया जाता है कि निजी ऊर्जा उत्पादकों ने भी इनके लिए दिलचस्पी दिखाई है और ऊर्जा मंत्री के ध्यान में लाया है कि जो प्रोजेक्ट निगम के पास हैं, उन पर अभी कुछ नहीं हो रहा है लिहाजा उनको बिडिंग में लाया जाए। निगम के दो प्रोजेक्ट उत्पादन कर रहे हैं, उनमें काशंग स्टेट वन व सैंज परियोजना है। इनके अलावा जिन पर निर्माण कार्य चल रहा है, उनमें सावड़ा कुड्डू, शौंग-टोंग कड़छम व काशंग स्टेज दो व तीन शामिल हैं। जो परियोजनाएं अभी इन्वेस्टीगेशन और प्री-कंस्ट्रक्शन क्लीयरेंस में हैं उनमें रेणुका डैम, चांजू, दयोथल चांजू, थाना-प्लौन, नकथन, सुरगानी सुंडला, जिस्पा, चिड़गांव-मझगांव, धमवाड़ी, त्रिवेणी महादेव व काशंग स्टेट चार शामिल हैं। जिन प्रोजेक्टों में अभी तक प्रि-फिजीबिलिटी स्टडी चल रही है उनमें लुजाई, विरोटी सियाचू, सियाचू साच खास, सियाचू, खाब व बड़ा खंभा है। क्योंकि इनमें अभी तक कोई काम आगे नहीं बढ़ पाया है और सालों से ये परियोजनाएं पावर कारपोरेशन के पास फंसी है, इसलिए सरकार चाहती है कि इनको निजी क्षेत्र को देकर इनका निर्माण जल्द करवाया जाए।
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