समावेशी विकास की राह पर गतिमान हिमाचल

By: Oct 10th, 2018 12:06 am

किशन चंद चौधरी

लेखक, बड़ोह से हैं

सरकार के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को गांवों में सही ढंग से कार्यान्वित करने लिए गांव की पंचायतों का उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए…

प्रदेश सरकार ने सत्ता संभालते ही सबका साथ, सबका विकास की मूल अवधारणा को समक्ष रखकर विकास कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा करने की नीति निर्धारित की। सभी विभागों को सौ दिन का लक्ष्य दिया गया, ताकि सरकारी तंत्र को जनकल्याण के प्रति सक्रिय किया जा सके। सभी विभागों ने अच्छा प्रदर्शन करके सिद्ध भी कर दिया है कि सही नेतृत्व एवं मार्गदर्शन से कुछ भी संभव है। इससे प्रदेश में कार्य संस्कृति का माहौल विकसित हुआ है और अधिकारीगण लीक से हटकर सोचने लगे हैं, जिसके फलस्वरूप प्रदेश हित में आवश्यकता के अनुसार अभिनव योजनाएं तैयार हो रही हैं। विभिन्न विभागों की योजनाओं-परियोजनाओं के कार्य की प्रगति की ऑनलाइन समीक्षा एवं निगरानी के लिए सरकार ने कारगर व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के माध्यम से विकास योजनाओं की मानीटरिंग की जा रही है। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में निर्माण गुणवत्ता निगरानी सैल गठित किया गया है।

कार्यप्रणाली में पारदर्शिता एवं दक्षता लाने के उद्देश्य से अधिकतर विभागों में नागरिक सेवाएं आनलाइन कर दी गई हैं। जनता से सीधा संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं का मौके पर समाधान करने के उद्देश्य से आरंभ ‘जनमंच’ बड़ा उपयोगी एवं कारगर सिद्ध हो रहा है। यह हर्ष की बात है कि यह कार्यक्रम लोगों की समस्याओं के त्वरित समाधान के साथ-साथ सरकार को फीडबैक प्रदान करने का बेहतर माध्यम साबित हो रहा है। सरकार के इस सराहनीय कदम से प्रदेश की नई योजनाओं से उन्नति की एक नई इबारत लिखी जाएगी। प्रदेश की अधिकतर आबादी गांवों में रहती है तथा आम जनता को विकास योजनाओं की व्यापक जानकारी नहीं होती। सरकार के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को गांवों में सही ढंग से कार्यान्वित करने के लिए गांव की पंचायतों का उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

इन कल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता को प्राथमिकता देना अति आवश्यक है। यह प्रक्रिया पंचायत स्तर पर होनी चाहिए। हालांकि ग्राम पंचायतों द्वारा किए गए विकास कार्य ब्लॉक एवं जिला अधिकारियों की देख-रेख में होता है। कामकाज के निपटारे को लेकर उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने हेतु पंचायत स्तर पर नेशनल आप्टिकल फाइवर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। पंचायतों द्वारा किए गए विकास कार्यों की सूचना नेटवर्क के माध्यम से ब्लॉक, जिला व राज्य स्तर पर संकलित करने का कार्य आरंभ किया जाना चाहिए। इससे आम आदमी को भी जानकारी उपलब्ध होगी, जिससे भ्रष्टाचार से भी निजात मिल सकती है, वहीं इन योजनाओं से संबंधित अधिकारीगण भी ग्राम पंचायतों के कार्यों में जुड़े रहेंगे। पंचायत स्तर पर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने से जहां ग्रामवासियों को सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की व्यापक जानकारी मिलेगी, वहीं शिक्षित युवाओं को शिक्षा व रोजगार की जानकारी भी ग्राम स्तर पर मिल पाएगी।

हम सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने दायित्व का निर्वाह करना चाहिए और समर्पण की भावना से कार्य करने की आदत डालनी चाहिए। प्रदेश को एक समृद्ध व खुशहाल राज्य बनाने की दिशा में सरकार द्वारा किए गए प्रयास सही मायनों में तभी फलीभूत होंगे, यदि इसमें जनभागीदारी सुनिश्चित हो और लोग भी अपना यथासंभव सहयोग व योगदान दें। अतः हम सभी को निजी स्वार्थों को भूलकर समाज एवं देशहित में कार्य करना होगा। तभी हम एक ऐसे हिमाचल का निर्माण कर पाएंगे, जो विकास और जनकल्याण की दृष्टि से देशभर में अग्रणी होगा।

हिमाचली लेखकों के लिए

लेखकों से आग्रह है कि इस स्तंभ के लिए सीमित आकार के लेख अपने परिचय तथा चित्र सहित भेजें। हिमाचल से संबंधित उन्हीं विषयों पर गौर होगा, जो तथ्यपुष्ट, अनुसंधान व अनुभव के आधार पर लिखे गए होंगे।                            -संपादक

 


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