सस्ते धान महंगे बेचने वाले दबोचे

By: Oct 31st, 2018 12:01 am

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मारा छापा, बिहार से लाई गई 50 हजार बोरियां जब्त

चंडीगढ़ -दूसरे राज्यों से सस्ता धान की फसल लाकर पंजाब की मंडियों में बेचने के मामले का पर्दाफाश करते हुए खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग ने सूचना के आधार पर खन्ना की यूनाइटिड एग्रो इंडस्ट्रीज राइस मिल पर छापा मारा और बिहार से लाए गए धान की 50 हजार बोरियां पकड़ी। मामले के बारे में अधिक विवरण देते हुए विभाग के मुख्य विजिलेंस अधिकारी डा. राकेश कुमार सिंगला ने बताया कि मौके पर बिहार से आए धान के दो ट्रक पकड़े गए, जिनमें 4100 बोरियां धान की फसल थी, जबकि मिल के अंदर तीसरे ट्रक में से धान की फसल उतारी जा रही थी। पूछताछ करने पर चालकों ने बयान दिया कि वे बिहार के मुजफ्फरनगर से यह धान की फसल लाए थे और यहां मिल में पहुंचने के बाद एक मोटरसाइकिल सवार उनसे बिल और रसीदें ले गया। यह मोटरसाइकिल सवार मिल मालिक द्वारा भेजा बताया गया है। छापे के दौरान मिल मालिक इस खरीदे गए धान संबंधी कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सका। सिंगला ने कहा कि प्राथमिक नजर में यह मामला अन्य राज्यों से सस्ते भाव पर धान की फसल खरीद कर पंजाब की मंडियों में बेचने का लगता है। उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों में इस धान की फर्जी बोली का प्रबंध किया जाना था, जिसमें अन्य राज्यों से 800 से 900 रुपए क्विंटल के हिसाब से खरीदा यह गए धान की फसल पंजाब की मंडियों में 1770 रुपए क्विंटल के हिसाब से कम से कम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेचा जाना था, जिससे सीधा मूल्य में लाभ होने के साथ-साथ मंडियों में बेचने का कमीशन भी प्राप्त किया जाना था। उन्होंने कहा कि मिलिंग के बाद में इस चावल को एफसीआई को सौंपे जाने वाले चावल में मिलाया जाना था। यह ढंग उन कमीशन एजेंटों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है, जो मिलिंग में भी शामिल हैं। विभाग के विजिलेंस अधिकारी ने बताया कि जांच चल रही है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। जिक्रयोग है कि पंजाब खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग ने एक महीने में मारे छापे के दौरान धान की तकरीबन 2.5 लाख बोरियां पकड़ी हैं, जबकि पिछले साल के धान की दो लाख बोरियां को मौजूदा सीजन 2018-19 के धान में शामिल करने का पर्दाफाश किया है।


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