ओवरटाइम खत्म करने पर नाराज

By: Nov 17th, 2018 12:01 am

हरियाणा में रोडवेज कर्मचारी सरकार के फैसले से खफा

 हिसार—हरियाणा सरकार द्वारा आए दिन हड़ताल पर जाने वाले रोडवेज कर्मचारियों का ओवरटाइम खत्म किए जाने पर रोडवेज के चालक और परिचालक बौखला गए हैं। सरकार द्वारा रोडवेज कर्मचारियों से आठ घंटे काम लेने के प्रबंधकों को दिए गए निर्देश अब ओवरटाइम के रूप में मोटी रकम जेबों में डालने वाले रोडवेज कर्मचारी सरकार से खफा हैं। रोडवेज यूनियनों और तालमेल कमेटी के सदस्यों ने सरकार के इस कदम को परिवहन विभाग की व्यवस्था को तहस-नहस करने की साजिश करार दिया है। ओवर टाइम बंद करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज यूनियन के जिला प्रधान राजपाल नैन ने कहा कि अधिकारियों को इस तरह के आदेश जारी करने से पहले जमीनी हकीकत की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग में मौजूदा हालात पर यदि नजर डालें तो प्रदेश में ऐसे सैकड़ों चालक परिचालक हैं, जिनको स्टाफ की कमी के कारण एक साल से साप्ताहिक विश्राम भी नहीं दिया गया है। यही नहीं कर्मचारियों के साथ-साथ प्रदेश में कई डिपो ऐसे हैं, जिसमें स्थाई तौर से महाप्रबंधक और अन्य विभागीय अधिकारी ही नहीं हैं। श्री नैन ने कहा कि उदाहरण के तौर पर हिसार डिपो में हिसार जिले के अतिरिक्त उपायुक्त को महाप्रबंधक का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है, जबकि उनके पास पहले ही कई विभागों का प्रभार है। उन्होंने कहा कि सरकार की कार्यप्रणाली को देखते हुए लगता है कि सरकार रोडवेज विभाग के प्रति गंभीर नहीं है और सरकार इस तरह की कार्रवाई कर 720 निजी बसों के मुद्दे से ध्यान हटाने का प्रयास कर रही है। रोडवेज कर्मचारियों को 24 घंटे काम करने का कोई शौक नहीं है। वे भी आठ घंटे काम कर रात अपने परिवार के साथ बिताना चाहते हैं। सरकार यदि सही मायने में ओवर टाइम खत्म करना चाहती है,  तो इसके लिए उसे विभाग में 18 हजार कर्मचारियों की भर्ती करनी चाहिए।

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