टेक्नोमैक पर एफआईआर की तैयारी

By: Nov 4th, 2018 12:15 am

2200 करोड़ टैक्स चोरी करने वाली कंपनी पर प्रदेश सरकार दर्ज करवाएगी मामला

शिमला –टेक्नोमैक कंपनी के टैक्स चोरी मामले में राज्य सरकार एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है। सिरमौर जिला स्थित इस कंपनी ने हिमाचल सरकार को 2200 करोड़ टैक्स की चपत लगाई है। इसके चलते राज्य सरकार ने मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इस आधार पर आबकारी एवं कराधान विभाग के कई आला अफसर जांच के शिकंजे में आएंगे। फर्जीवाड़े के बाद फरार हो चुकी कंपनी  की भी केस दर्ज होने के बाद मुसीबतें बढ़ सकती हैं। इस मामले में स्टेट सीआईडी जांच कर रही है। जांच में पुख्ता तथ्य सामने आने के कारण अब केस दर्ज किया जाना तय है। उल्लेखनीय है कि कंपनी के हजारों करोड़ के फ्रॉड मामले में सीआईडी ने कुछ समय से जांच तेज कर दी है। सीआईडी ने इस मामले में रिकार्ड कब्जे में लेकर खंगालना शुरू कर दिया है। कंपनी के कार्यालयों के अलावा बैंकों से भी रिकार्ड  लिया जा चुका है। फर्जीबाड़े के पुख्ता सबूत एकत्र कर जांच एजेंसी इस केस को मजबूत बना रही है। बताया जा रहा है कि टेक्नोमैक के करोड़ों के फ्रॉड मामले में सीआईडी ने कंपनी के पांवटा साहिब स्थित फैक्टरी और दिल्ली स्थित कार्यालय से दस्तावेज ले लिए हैं। कंपनी से संबंधित बैंकों का रिकार्ड लिया गया है। सूत्रों के अनुसार सीआईडी को कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनमें फर्जीबाड़े के सबूत हैं। इस कंपनी के बैकों में खातों और लोन के लिए दिए दस्तावेज भी खंगाले जा रहे हैं। यह देखा जा रहा है कि इस पूरे फॉड में कंपनी के कौन-कौन शामिल रहे हैं। सीआईडी इस मामले में अभी तक पांच अधिकारियों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन इस पूरे खेल में कंपनी के अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच हो रही है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी के कई कर्मचारियों ने फर्जीबाड़े में अपना हाथ होने से इन्कार किया है। इन कर्मचारियों ने पूछताछ में बताया है कि बिलों को तैयार करने के निर्देश ऊपरी स्तर पर मिलते थे। सीआईडी कंपनी के अकाउंट ब्रांच से संबंधित कई कर्मचारियों के भी इस मामले में पूछताछ कर चुकी है। जांच में सामने आया है कि फर्जीवाड़ा पूरे प्लानिंग के साथ किया गया।  इसके लिए कंपनी में शीर्ष स्तर पर पूरी कसरत की गई। कंपनी के अधिकारियों के अलावा आबकारी एवं कराधान के अधिकारियों की भूमिका भी जांच की जा रही है। सीआईडी की अब तक की जांच में ऐसे कई तथ्य उभकर सामने आए हैं, जिनमें विभाग के कुछ अफसरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। पांवटा साहिब स्थित इंडियन टेक्नोमैक कंपनी द्वारा राज्य सरकार को टैक्स के रूप में ही करीब 2200 करोड़ रुपए का चूना लगाया। इसके अलावा कंपनी द्वारा करोड़ों का लोन भी डकार लिया गया। इस तरह करीब छह हजार करोड़ का फर्जीबाड़ा कंपनी ने किया।


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