नेशनल हाई-वे अथारिटी को एक महीने का वक्त

By: Nov 4th, 2018 12:01 am

शिमला – खस्ताहाल फोरलेन परियोजनाओं की टायरिंग और ड्रेनेज के लिए राज्य सरकार ने एनएचएआई को एक माह का अल्टीमेटम दिया है। इसमें कहा गया है कि हिमाचल की महत्वपूर्ण तीन फोरलेन परियोजनाओं को 30 नवंबर तक चकाचक कर दिया जाए। इसके अलावा जयराम सरकार ने केंद्रीय सड़क एवं भूतल मंत्रालय से चार बड़े मामले उठाए हैं। राज्य सरकार ने कंसल्टेंसी के लिए फाईनल किए गए 52 नेशनल हाई-वे को नोटिफाई करने के लिए कहा है। इस आधार पर हिमाचल में घोषित किए गए इन नेशनल हाईवे की डीपीआर पर काम शुरू हो सकता है। राज्य ने दूसरा मामला हमीरपुर-कंदरौर के बीच निर्माणाधीन 11 पुलों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने इसके लिए पैकेज जारी किया था। अब एस्टीमेट रिवाईज होने के कारण इसकी लागत 90 करोड़ बढ़ गई है। केंद्रीय मंत्रालय को भेजे गए पत्र में तीसरा मामला ठियोग बाईपास का उठाया है। इस बाईपास को टेकअप करने की केंद्र से गुहार लगाई गई है। इसके अलावा फोरलेन के मुआवजे और निर्माण कार्य में गति लाने की मंत्रालय से सिफारिश की गई है। शनिवार को मुख्य सचिव बीके अग्रवाल ने लोक निर्माण विभाग, नेशनल हाई-वे, स्टेट रोड प्रोजेक्ट तथा क्वालिटी कंट्रोल विंग से महत्त्वपूर्ण बैठक कर इनके निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने विभाग को कड़े निर्देश दिए हैं कि मार्गों और भवन निर्माण कार्यों में गुणवत्ता लाने के लिए मैटीरियल पर विशेष ध्यान दिया जाए। उनका कहना था कि सबस्टैंडर्ड मैटीरियल के कारण सड़क मार्ग उखड़ जाते हैं और पुलों व भवनों के गिरने का खतरा रहता है। इस कड़ी में उन्होंने बेहतर गुणवत्ता के क्रशर के प्रयोग के लिए भी कहा है। मुख्य सचिव ने कहा कि लोक निर्माण विभाग अपनी मॉनिटरिंग के अलग-अलग पैरामीटर की प्रक्रिया को बदलें। प्रदेश में परियोजनाएं धड़ाधड़ आ रही हैं। इस कारण कंस्ट्रक्शन कंपनियां ज्यादा से ज्यादा योग्य होनी चाहिएं। उनका कहना है कि हिमाचल में अरबों-खरबों का निर्माण प्रस्तावित है, लेकिन इसके लिए स्थानीय ठेकेदार सक्षम नहीं है। इस कारण ठेकेदारों को अत्याधुनिक की मशीनरी प्रयोग में लाने के लिए प्रेरित किया जाए।

एनएच की मरम्मत के लिए 27 करोड़ जारी

शिमला— प्रदेश में मौजूद नेशनल हाई-वे की मेंटेनेंस व रिपेयर के लिए केंद्र सरकार ने 27 करोड़ जारी कर दिए हैं। शनिवार को इस संबंध में राष्ट्रीय हाइवे प्राधिकरण ने इसकी सूचना प्रदेश सरकार को दी। दूसरी ओर स्वां चैनेलाइजेशन के लिए भी 50 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है। सिरमौर मल निकासी योजना के लिए 30 करोड़ जारी किए गए हैं।


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