मुफ्त इलाज पर माफिया की कुंडली

By: Nov 4th, 2018 12:01 am

फ्री ट्रीटमेंट पर पहले कंपनियों ने खड़े किए हाथ, अब डाक्टर पेड उपचार करवाने की दे रहे सलाह

शिमला – एक हजार का प्रीमियम देकर पांच लाख के मुफ्त इलाज की योजना पर माफिया कुंडली जमाकर बैठ गया है। इस योजना के तहत इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों को आपरेशन की डेट मिलना संभव नहीं है। आपरेशन में प्रयोग हो रहे इम्प्लांट-मेटल सहित   दूसरे सामान की आपूर्ति के लिए संबंधित कंपनियां फ्री इलाज पर हाथ खड़े कर रही हैं। इसके बाद चिकित्सक मरीजों को पेड इलाज की सलाह दे रहे हैं। इसके लिए बाकायदा मरीजों से लिखित रूप से लिया जा रहा है कि वह मुफ्त उपचार की बजाय पैसे देकर आपरेशन करवाने के लिए तैयार हैं। यह सनसनीखेज मामले हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े आईजीएमसी अस्पताल में आ रहे हैं। इस बारे अस्पताल प्रशासन को एक दर्जन से ज्यादा लिखित शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने शिकायतों का जखीरा राज्य सरकार को भेज दिया है। जाहिर है कि केंद्र की मोदी सरकार से लेकर राज्य की जयराम सरकार ने मरीजों के फ्री इलाज के लिए आयुष्मान भारत से लेकर मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना की स्कीमें चला रखी हैं। इसके अलावा यूनिवर्सल हैल्थ कार्ड, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम तथा वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए कई जनहित में योजनाएं शुरू की गई हैं। हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार ने इन सभी स्कीमों को एक सांचे में पिरोकर पांच लाख तक के उपचार की सुविधा दी है। इसके लिए महज एक हजार रुपए तक का प्रीमियम देना पड़ रहा है। प्रदेश के इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल में ऑर्थो के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। अस्पताल में ओर्थो विभाग में आने वाले कई मरीजों के आपरेशन रुक गए है। खासतौर पर जो मरीज कार्ड के भरोसे रहते है, उन्हें कंपनी ने स्टंट देने से मना कर दिया है। यही वजह है कि अस्पताल के ओर्थो विभाग में पिछले दो तीन हफ्तों से हैल्थ कार्ड धारक मरीजों के टेस्ट नहीं हो रहे है। हालांकि  आईजीएमसी प्रशासन तब भी यह कह रहे है कि मरीजों के सामने ऐसी कोई भी दिक्कतें सामने नहीं आ रही है। हैरानी की बात है कि आईजीएमसी के ऑर्थो विभाग में दाखिल हुए ऐसे कई मरीज है, जिन्हें प्लेटस और स्टंट पड़ने है, लेकिन जन औषधि में न होने की वजह से ऐसे मरीजों को स्टंट देने से कंपनी ने भी मना कर दिया है। हैरानी की बात है कि अस्पताल में पिछले दो हफ्तें से कई मरीज अपने आपरेशन का इंतजार कर रहे है। बता दे कि स्टंट न मिलने की वजह से अस्पताल प्रशासन ने भी हाथ खड़े कर दिए है। आयुष्मान भारत योजना और आरएसबीवाई कार्ड पर मरीजों को स्टंट व प्लेट्स उपलब्ध करवाने के लिए आईजीएमसी प्रशासन ने कंपनी से बात की है। आईजीएमसी में इतने समय से जो कंपनी ओर्थो विभाग में विभिन्न एजेंटों के माध्यम से अस्पताल में ऑर्थो के आपरेशन का सामान देती थी। उस कंपनी को भी सीधे अस्पताल को आपरेशन का सामान देने की बात चलाई जा रही है। बताया जा रहा है कि कंपनी ने आईजीएमसी के 21 दिन का समय मांगा है। तब तक ओर्थो के मरीजों को देने वाले सामान का रेट भी तय करने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि आईजीएमसी प्रशासन ने निजी करण को खत्म कर आपरेशन का सामान सीधे अस्पताल को देने का टारगेट रखा है। यही वजह है कि सरकार के निर्देशों के बाद अस्पताल प्रशासन ने हैल्थ कार्ड पर मरीजों को स्टंट देने की जिम्मेदारी जन औषधि केंद्र को भेजी थी। जानकारी के अनुसार विभिन्न विभागों के अध्यक्ष भी अभी तक आपरेशन के लिए कौन सा सामान व स्टंट लगने हैं, ये नहीं बता रहे है। ऐसे में कंपनी को भी रेट फिक्स करने में दिक्कतें आ रही है।


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