सीएम के सामने ही नल से टपका पानी

By: Nov 17th, 2018 12:05 am

नाहन —जिला सिरमौर का सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग अब केवल नेताओं के आगमन पर ही नलांे में पानी छोड़ने लगा है। जैसे ही नेता किसी पेयजल योजना का उद्घाटन कर मौके से रवाना होते हैं तो उसके बाद आईपीएच विभाग के नल भी सूख जाते हैं। ऐसा ही रोचक मामला जिला सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव में शुमार दुगाना का प्रकाश मंे आया है। दुगाना व कांडो गांव के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 23 अक्तूबर को जिला सिरमौर के दो दिवसीय दौरे के दौरान दुगाना में 1.30 करोड़ रुपए की लागत से कांडो-दुगाना उठाऊ पेयजल योजना का उद्घाटन कर दुगाना व कांडो गांव के हजारों लोगों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया था। मुख्यमंत्री को भी शायद इस बात का अनुमान नहीं होगा कि सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग मंडल पांवटा साहिब ने 1.30 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस योजना में केवल मुख्यमंत्री के उद्घाटन समारोह के दौरान ही इस योजना में कुछ पलों के लिए पानी डाला था। उसके बाद उद्घाटन के उपरांत जैसे ही मुख्यमंत्री दुगाना गांव से रुखस्त हुए तो अगले ही दिन से ग्रामीणों को इस योजना से नियमित रूप से पानी मिलने की उम्मीद मिट्टी में मिल गई। दुगाना गांव के ग्रामीणों को 24 अक्तूबर के बाद इस योजना से पीने के पानी की बूंद तक नहीं मिली है। ग्रामीणों के मुताबिक यह योजना आईपीएच विभाग ने केवल एक दिन के लिए भी नहीं बल्कि चंद मिनटों के लिए मुख्यमंत्री की मौजूदगी के दौरान ही चलाई। स्थानीय ग्रामीणों में शामिल सेवानिवृत्त खंड विकास अधिकारी संत राम शर्मा, पूर्व जिला परिषद सदस्य जगत सिंह पुंडीर, अतर सिंह, संत राम, दलीप, धनवीर, सुरेश व दीप राम आदि ने बताया कि दुगाना व कांडो गांव की हजारों की आबादी के लिए लंबे समय से उठाऊ पेयजल योजना कांडो दुगाना तैयार हो रही थी तथा मुख्यमंत्री ने पिछले 23 अक्तूबर को इसका उद्घाटन भी कर दिया था। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के लोगों ने मुख्यमंत्री का जोरदार तरीके से गांव में राजनीति से हटकर इस योजना को समर्पित करने के लिए स्वागत किया था, परंतु उन्हें क्या मालूम था कि चंद क्षणों के लिए ही सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग इस योजना को चलाएगा। दुगाना गांव के ग्रामीणों में इस बात को लेकर आईपीएच विभाग के प्रति काफी गुस्सा है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग के पास इस योजना के संचालन के लिए पंप हाउस मंे स्टाफ ही नहीं है, जिसके चलते यह योजना उदृघाटन के बाद से ठप पड़ी है। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि कांडो दुगाना उठाऊ पेयजल योजना के चालू होने से गांव के लोगांे की वर्षों पुरानी पेयजल की समस्या का समाधान होगा, परंतु यह केवल आंख दिखाबा साबित हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि अब गांव के लोग इसकी सीधी शिकायत मुख्यमंत्री से करने का विचार बना रहे हैं। यदि सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग ने करोड़ों की इस योजना का लाभ लोगांे को नहीं पहुंचाया तो ग्रामीण विभाग के कार्यालय का घेराव भी कर सकता है। गौर हो कि लंबे समय से दुगाना गांव में पीने के पानी की समस्या लोगों के लिए सबसे बड़ी सिर दर्द बनी हुई है। यहां के लोग कई बार आईपीएच उपमंडल कफोटा में धरना व प्रदर्शन कर चुके हैं तथा खाली बरतनों से आईपीएच उपमंडल कार्यालय का घेराव भी किया जा चुका है। अब 1.30 करोड़ रुपए की लागत से यह योजना प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दुगाना गांव के लिए समर्पित कर दी थी, परंतु इस योजना के नल पिछले 24 दिनांे से सूखे पड़े हैं।

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