आईटी में ट्रेंड होंगे हिमाचल के दो आईपीएस

By: Dec 28th, 2018 12:05 am

बिलासपुर – हिमाचल में पुलिस के नए हेल्पलाइन नंबर 112 को लांच करने, क्राइम एंड क्रिमिनल टै्रकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) प्रोजेक्ट में प्रदेश को नंबर वन बनाने और नार्कोटिक्स में नए पदों के सृजन के लिए अहम भूमिका निभाने वाले बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार अब इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) ट्रेड में ट्रेंड होंगे। दरअसल, केंद्र ने हरेक आईपीएस के लिए किसी न किसी एक ट्रेड में टे्रनिंग अनिवार्य कर दी है लिहाजा बिलासपुर के एसपी नेशनल पुलिस अकादमी हैदराबाद में दो से लेकर पांच जनवरी तक आयोजित किए जा रहे ट्रेनिंग प्रोग्राम में आईटी की ट्रेनिंग लेंगे। इस ट्रेनिंग के लिए उनके साथ धर्मशाला में विजिलेंस के एसपी एस. अरूल कुमार भी जाएंगे। ट्रेनिंग के लिए देशभर से 30 के करीब पुलिस आफिसर का चयन हुआ है, जिसमें हिमाचल प्रदेश से दो एसपी शुमार हैं। ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद एसपी को बैंक और एटीएम सहित साइबर क्राइम के मामले सुलझाने में मद्द मिलेगी। यही नहीं, विभाग में कार्यरत पुलिस कर्मियों को भी आईटी में ट्रेंड किया जा सकेगा। जानकारी के मुताबिक एसपी बिलासपुर अशोक कुमार आईटी की काफी नॉलेज रखते हैं और विभाग के विभिन्न विंग में रहते हुए उन्होंने कई नए कार्य किए हैं। थानों में हेल्पलाइन नंबर 100 की तर्ज पर 112 तैयार करने में उनकी भी बड़ी भूमिका रही है। इसके साथ ही बिलासपुर व कुल्लू जिलों में शुरू की गई पुलिस वेबसाइट उन्होंने खुद डिजाइन की है। ताजा स्थिति में बिलासपुर जिला के साढ़े छह सौ पुलिस कर्मियों की एसीआर ऑनलाइन करने के लिए मानव संपदा नामक सॉफ्टवेयर तैयार करवा रहे हैं। इसके वर्किंग में आने के बाद न केवल कर्मचारी ऑनलाइन अपनी एसीआर चैक कर सकेंगे, बल्कि अवकाश के लिए ऑनलाइन ही आवेदन किया जा सकेगा। इसके साथ ही कार्यालय के तमाम कार्य ऑनलाइन हो जाएंगे। यानी प्रदेश में बिलासपुर एसपी कार्यालय पेपरलैस होगा। यहां बता दें कि अशोक कुमार जब एसपी नार्कोटिक्स थे तो उस दौरान केवल तीन चार लोगों का ही स्टाफ होता था। उन्होंने 58 पद सृजित करने के लिए एक प्रोपोजल सरकार को भेजी थी इसकी बदौलत स्टाफ में भी अपेक्षा के अनुरूप बढ़ोतरी हुई है, जिससे नार्कोटिक्स के कामकाज में गति आई है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली के रहने वाले अशोक कुमार को आईपीएस में हिमाचल काडर मिला है। 2008 में प्रोबेशन पीरियड पर हिमाचल आए और अगस्त माह में एएसपी कांगड़ा पद पर उन्हें नियुक्ति मिली। इसके बाद 2009-11 तक किन्नौर एसपी रहे और 2011-12 में कुल्लू जिला के एसपी रहे। 2013-14 में एआईजी हैडक्वार्टर थे तो उस दौरान उन्होंने क्राइम एंड क्रिमिनल टै्रकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) में हिमाचल को पूरे देश में नंबर वन बनाने में मुख्य भूमिका निभाई। जबकि इससे पूर्व हिमाचल सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट में 18वें नंबर पर था। यही नहीं, नार्कोटिक्स में नए पदों के सृजन करवाने में भी उनकी मुख्य भूमिका रही है। 2014-15 में बिलासपुर जिला के एसपी रहे। 2015-16 में सीआईडी में एसपी क्राइम तो उस दौरान शिमला के चर्चित युग हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में अहम भूमिका निभाई, जिसकी वजह से हत्यारों को फांसी की सजा हुई है। 2016-17 में मंडी एसपी रहे और 24 जनवरी 2018 को बिलासपुर एसपी का पदभार संभाला। वर्तमान में वह मानव संपदा सॉफ्टवेयर तैयार करवा रहे हैं जिससे जल्द ही जिला भर में कार्यरत सभी साढ़े छह सौ पुलिस कर्मियों की एसीआर ऑनलाइन हो जाएगी।

किसी एक ट्रेड में करनी होगी ट्रेनिंग

केंद्र सरकार ने हाल ही में सभी आईपीएस के लिए किसी एक ट्रेड में ट्रेंड होना अनिवार्य कर दिया है। आईपीएस के लिए 30 के करीब ट्रेड तय किए गए हैं। ऐसे में सभी एसपी को किसी न किसी ट्रेड में ट्रेनिंग प्राप्त करनी होगी।


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