एकता में बल है

By: Dec 12th, 2018 12:05 am

गौरवा का एक मित्र था कठफोड़वा। गौरवा को रोते  देख कर कठफोड़वा उसके नजदीक जाकर उसको तसल्ली देने लगा। गौरवा ने कहा, उस दुष्ट ने हमारे घोंसले को तोड़ दिया और सारे अंडों को फोड़ डाला। उसे दंड दिए बिना मेरे मन को शांति नहीं मिलेगी…

एक जंगल में एक तमाल का पेड़ था। तमाल के पेड़ पर गौरवा  पक्षियों का एक जोड़ा रहता था। गौरवा के घोंंसले में  छोटे-छोटे चार अंडे थे। अंडों में से अभी बच्चे निकल भी नहीं पाए थे कि एक दिन एक मतवाले हाथी ने पेड़ की शाखाओं को तोड़ डाला, जिस पर गौरवा पक्षियों का घोंसला था। पक्षी खुद तो बच गए पर सारे अंडे फूट गए।

गौरवी व्यथित हृदय से रोने लगी, उसे किसी प्रकार से शांति नहीं मिली। गौरवा का एक मित्र था कठफोड़वा। गौरवा को रोते  देख कर कठफोड़वा उसके नजदीक जाकर उसको तसल्ली देने लगा। गौरवा ने कहा उस दुष्ट ने हमारे घोंसले को तोड़ दिया और सारे अंडों को फोड़ डाला। उसे दंड दिए बिना मेरे मन को शांति नहीं मिलेगी।

कठफोड़वा ने कहा हम उस हाथी के सामने बहुत छोटे हैं, परंतु संगठन में बड़ी ताकत होती है। हम लोग मिल कर प्रयास करके उससे बदला ले सकते हैं। मेरी एक सहेली है मधुमक्खी, मैं उस से भी सहायता करने को कहूंगा।  गौरवा को आश्वासन दे कर कठफोड़वा मधुमक्खी के पास गया। उसने गौरवा की सारी कहानी उस को सुना दी। सुन कर मधुमक्खी भी सहायता के लिए तैयार हो गई। मधुमक्खी  ने कहा कि पहले मेरे मित्र मेंढक के पास चलना होगा, वह काफी बुद्धिमान है। उसकी योजना से हम हाथी को जरूर  कोई दंड दे सकते हैं और वे दोनों मेंढक के पास चले गए। कठफोड़वा ओर मधुमक्खी ने  मंेढक  को गौरवा की सारी कहानी बताई तो मेंढक ने कहा संगठन के समक्ष वह हाथी क्या चीज है। इस के लिए आप सब मेरी योजना अनुसार काम करें। मेंढक ने बताया कल दोपहर को मधुमक्खी  हाथी के कान के पास जाकर वीणा जैसी मधुर धुन में गाए गी, जिसे सुन कर हाथी मुग्ध हो जाएगा और अपनी आंखें बंद कर लेगा। ठीक उसी समय कठफोड़वा हाथी की दोनों आंखों को अपनी तेज चोंच से फोड़ देगा। अंधा हाथी जब प्यास से व्याकुल होगा तो मैं एक बड़े गढ्ढे के पास से अपने परिवार के साथ टर्र-टर्र की आवाज करूंगा, जिस से उसको जल का भ्रम होगा और वह उधर को भागेगा और वह गढ्ढे में गिर जाएगा। अगले दिन उन सबने इसी प्रकार योजनाबद्ध ढंग से हाथी को अंधा कर के गड्ढे में गिरा दिया और वह हाथी बाहर नहीं निकल सका। भूख प्यास से तड़प कर वहीं मर गया। इसी लिए कहते हैं कि संगठन में बड़ी ताकत होती है। संगठन से काम करने पर बड़े से बड़ा काम भी संभव हो जाता है।

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